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Diwali 2025 | तिथि, पूजा विधि, महत्व और मनाने के अलग-अलग कारण | PDF

diwali-2024

दिवाली का पर्व कई ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में यह सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है और इसके साथ अनेक मान्यताएँ और पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं कि दिवाली क्यों मनाई जाती है:

दीवाली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

दीवाली (लक्ष्मी पूजा) — 20 अक्टूबर 2025, सोमवार

1. भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी

2. माता लक्ष्मी का जन्म और विवाह

3. नरकासुर पर भगवान कृष्ण की विजय

4. समृद्धि और नए आरंभ का पर्व

5. जैन धर्म में दिवाली

6. सिख धर्म में दिवाली

7. सकारात्मकता और खुशियों का पर्व

दिवाली पूजन विधि

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
ॐ, श्रीं, ह्रीं, श्रीं, हे कमल पर विराजित माँ लक्ष्मी, प्रसन्न होइए, प्रसन्न होइए। आपको बार-बार प्रणाम। श्रीं, ह्रीं, श्रीं माँ महालक्ष्मी को नमस्कार।

ॐ महालक्ष्म्यै नमो नम: धनप्रदायै नमो नम: विश्वजनन्यै नमो नमः।
ॐ, महालक्ष्मी को बार-बार प्रणाम, धन देने वाली को प्रणाम, संपूर्ण सृष्टि की जननी को प्रणाम।

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