सिख धर्म के अनुयायियों के लिए गुरु नानक जी का प्रकाश उत्सव का विशेष महत्व है। गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु थे। उनका जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसलिए हर साल कार्तिक पूर्णिमा का दिन उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिसे गुरुपरब (Gurpurab) भी कहा जाता है।
गुरुपुरब कब है?
साल 2024 में गुरु नानक जयंती यानी गुरुपर्व 15 नवंबर, शुक्रवार को है. इस दिन गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती मनाई जाएगी |
गुरु नानक देव जी का इतिहास और महत्व
1469 में जन्मे गुरु नानक जी 15वीं शताब्दी में भारी असमानता के समय में रहते थे। वह सिख धर्म के संस्थापक थे और पहले सिख गुरु बने। उन्होंने एकता और पवित्रता का संदेश फैलाने के लिए कई मील की यात्रा की। उनकी शिक्षाओं में मुख्य रूप से तीन भाग शामिल थे: “वंड शको”, “किरत करो” और “नाम जपना”। “वंड शको” का अर्थ है दूसरों के साथ साझा करना और जरूरतमंदों की मदद करना। “किरत करो” का अर्थ है बिना किसी का शोषण या धोखा दिए ईमानदारी से जीना, “नाम जपना” का अर्थ है भगवान के नाम का ध्यान करके विकारों को नियंत्रित करना।
एक प्रसिद्ध भजन है; सुत गुरु नानक पुरगट्टिया, मिट्ठी धुंध जुग चान्नुं होया जिसका अर्थ है कि एक दिव्य शिक्षक नानक ने पवित्र जन्म लिया है; महान कोहरा हट गया और संसार दिव्य प्रकाश से नहा उठा। गुरुपर्व सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और पूरी दुनिया में मनाया जाता है। सिखों के अनुसार, गुरु नानक देव जी इस दुनिया में ज्ञान लेकर आये।
“जिसको स्वयं पर विश्वास नहीं है वह कभी भी ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकता।” – गुरु नानक देव जी
इस तरह से मनाया जाता है ये खास दिन
गुरु नानक जी का प्रकाश उत्सव सिर्फ एक दिन नहीं मनाई जाती, यह त्योहार तीन दिनों तक चलता है। गुरुद्वारों में अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है। इस दौरान लगातार 48 घंटे तक सिख समुदाय के आध्यात्मिक ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पाठ किया जाता है। गुरु नानक के जन्मदिन से एक दिन पहले शहर में कीर्तन जुलूस निकलता है।
इस बीच, सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को एक महल में बंदी बनाकर रखा गया है। इस त्यौहार के दौरान, लोग सुबह-सुबह आसा दी वार गाते हैं। दोपहर में गरीबों को भोजन कराने की व्यवस्था की जाती है। इसलिए गुरु नानक जी का प्रकाश उत्सव का त्योहार दूसरों की सेवा करके मनाया जाता है।
गुरु नानक देव जी: प्रेरणादायक उद्धरण
गुरु नानक देव जी, सिख धर्म के संस्थापक, ने अपने जीवन और उपदेशों के माध्यम से लोगों को मानवता, प्रेम, समानता, और करुणा का मार्ग दिखाया। उनके शिक्षाप्रद उद्धरण आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। यहाँ उनके कुछ प्रमुख प्रेरणादायक उद्धरण दिए गए हैं:
1. ईश्वर एक है
“एक ओंकार सतनाम” – गुरु नानक देव जी ने ईश्वर की एकता और अद्वितीयता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ईश्वर एक है और वह सब में व्याप्त है।
2. सच्चाई और ईमानदारी का जीवन जिएं
“सच्ची जीत वह है जो दूसरों का दिल जीतने में है।”
गुरु नानक जी ने सिखाया कि सच्चाई और ईमानदारी के साथ जीवन जीने से ही वास्तविक जीत मिलती है।
3. सेवा और नम्रता का महत्व
“वह दिल सच्चा है जो सेवा करता है।”
गुरु जी का मानना था कि निस्वार्थ सेवा और नम्रता से ही व्यक्ति का जीवन धन्य होता है।
4. ईश्वर के प्रति प्रेम
“नाम जपो, किरत करो, वंड छको।”
गुरु नानक जी ने बताया कि ईश्वर का नाम जपें, मेहनत और ईमानदारी से काम करें, और दूसरों के साथ अपना भोजन साझा करें।
5. सभी के प्रति समान दृष्टिकोण रखें
“ना कोई हिंदू, ना कोई मुसलमान।”
गुरु नानक जी ने कहा कि हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं, और सबके प्रति समान दृष्टिकोण रखना ही हमारा धर्म होना चाहिए।
6. समय का सदुपयोग करें
“जो समय हमें दिया गया है, उसका सदुपयोग करो।”
गुरु नानक देव जी ने हमेशा समय का मूल्य समझाया और कहा कि हमें इसे अच्छे कामों में लगाना चाहिए।
7. मन की शांति और सरलता
“मन शांत और स्थिर हो, तो सबसे बड़ी दौलत उसी में है।”
गुरु नानक जी ने कहा कि आंतरिक शांति और संतोष से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
8. भयमुक्त रहना
“नानक दुखिया सब संसार।”
गुरु नानक ने कहा कि सच्चे ईश्वर में विश्वास रखने से जीवन में दुख और भय का स्थान नहीं रह जाता।
9. परमात्मा में विश्वास
“जो भी होता है, वह परमात्मा की इच्छा से होता है।”
गुरु नानक जी ने हमें सिखाया कि हमें हर परिस्थिति में परमात्मा की इच्छा को समझना और स्वीकार करना चाहिए।
10. प्रकृति और मानवता का सम्मान
“धरती को बिछौना समझो और आसमान को चादर।”
गुरु नानक जी ने प्रकृति के प्रति सम्मान का महत्व बताया और सिखाया कि हम सब धरती माँ की संतान हैं।
गुरु नानक देव जी के ये उद्धरण मानवता के कल्याण और सच्चे जीवन का मार्ग दिखाते हैं। उनकी शिक्षाएँ हमें जीवन में सच्चाई, नम्रता, और परोपकार के महत्व को समझने में मदद करती हैं।
वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह
जो बोले सो निहाल सतश्रीअकाल ।
गुरु नानक जी के प्रकाश उत्सव की शुभकामनाएं