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Sawan Maah 2025 | जय शिव! सावन की धूम शुरू,सोमवार से शुरू होगा श्रावण माह | PDF

Sawan Maah 2024

Sawan Maah 2025

सावन माह हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जो श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है। यह मास विशेषतः भगवान शिव को समर्पित होता है। 2025 में श्रावण का पावन माह 11 जुलाई से शुभारंभ होकर 9 अगस्त को समाप्त होगा। सावन के महीने में हर सोमवार को ‘सावन सोमवार' के रूप में भगवान शिव की पूजा, व्रत, और अर्चना की जाती है।

जानें 2025 में सावन के 4 पवित्र सोमवार की तिथियां और महत्व:

 

तिथि सावन सोमवार
14 जुलाई, 2025 पहला सावन सोमवार
21  जुलाई, 2025 दूसरा सावन सोमवार
28  जुलाई, 2025 तीसरा सावन सोमवार
4  अगस्त, 2025 चौथा सावन सोमवार

सावन माह में कावड़ यात्रा:

शिवभक्तों के लिए कावड़ यात्रा एक खास तीर्थयात्रा है। यह यात्रा श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता का प्रतीक है। सावन मास में, भक्त गंगा नदी से पवित्र जल लेकर कांवड़ नामक डंडे पर लटके हुए बर्तनों में अपने स्थानीय शिव मंदिर तक पैदल यात्रा करते हैं।

यात्रा के दौरान:

  1. भक्त सफेद कपड़े पहनते हैं और शिव के नाम का जप करते हैं।
  2. वे कठोर नियमों का पालन करते हैं, जैसे कि केवल एक बार भोजन करना और जमीन पर सोना।
  3. शिव मंदिर पहुंचने पर, वे शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं।

इस पवित्र महीने में कौन से कार्य करें:

  1. व्रत और पूजा: सोमवार को शिव भगवान का विशेष पूजन करें। शिवलिंग को जल और दूध से स्नान कराएं और बेलपत्र, धातुरा, चंदन, जल, धूप और नैवेद्य से अर्चना करें।
  2. मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” या अन्य शिव मंत्रों का जाप करें।
  3. ध्यान: इस दिन शिवजी के ध्यान भाव से किए जाने वाले उपासना से उनकी कृपा प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
  4. भजन और कीर्तन: शिव भगवान के भजन और कीर्तन करें, जिससे मन और आत्मा पवित्र हो।
  5. दान: गरीबों और असहाय लोगों को भोजन, वस्त्र, धन या अन्य आवश्यकताओं का दान देकर पुण्य का लाभ प्राप्त करें।
  6. स्नान: भ्रमण और शिव मंदिरों में जाकर स्नान करें।
  7. शिवलिंग का पूजन: शिवलिंग का समर्पित पूजन करें और इसके द्वारा भगवान शिव को अपने जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

सावन माह में क्या नहीं करना चाहिए:

  1. अशुभ कार्य: किसी भी प्रकार के अशुभ कार्य जैसे झगड़ा, धोखाधड़ी, अन्य लोगों के ऊपर बुरा बोलना, शारीरिक हिंसा आदि से बचें।
  2. व्रत भंग: व्रत का सम्मान करें और उसका पालन स्थिरता से करें, उसे बीच में तोड़ने से बचें।
  3. नशीली पदार्थ: इस दिन शिवजी का विशेष महत्व होने के कारण नशे के पदार्थों का सेवन न करें।
  4. अश्लीलता: किसी भी प्रकार की अश्लील बातें या कार्यों से दूर रहें।

इस विशेष अवसर पर भक्तों को किन लाभों का अनुभव हो सकता है:

  1. आध्यात्मिक उन्नति: इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और शांति मिलती है।
  2. कार्य सफलता: सावन सोमवार को शिवजी की आराधना से कार्यों में सफलता मिलती है और बुरी ग्रहों का प्रभाव कम होता है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: व्रत का पालन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  4. कर्मफल का अनुभव: निष्काम भाव से व्रत का पालन करने से कर्मफल का अच्छा अनुभव होता है और उससे आत्मा को शांति मिलती है।
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