third sawan somvaar image

Third Sawan Somvar 2024

तीसरे सोमवार का महत्व:

तीसरा सोमवार भी सावन मास में विशेष महत्व रखता है, जो 5 अगस्त 2024 को है, विशेषकर भगवान शिव के भक्तों के लिए। इस दिन भगवान शिव की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा का विशेष समर्पण किया जाता है।

महत्व:

  1. भगवान शिव की कृपा: सावन के मास में तीसरे सोमवार को उपवास रखने और शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन की गई पूजा से भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की कामना करते हैं।
  2. धार्मिक मान्यता: पुराणों के अनुसार, सावन के सोमवार का उपवास रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के पापों का नाश होता है।
  3. व्रत और पूजा: भक्त इस दिन शिवलिंग की स्थापना करते हैं, उसे दूध, बिल्व पत्र, चांदन, और धूप-दीप से पूजते हैं। इसके बाद उपवासी भोजन का पालन करते हैं।

इस दिन पूजा विधि:

  1. प्रात: काल में स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. शिवलिंग की स्थापना करें और उसे गंगाजल से स्नान कराएं।
  3. बिल्व पत्र, धूप, दीप, चांदन और फल-फूल से शिवलिंग की पूजा करें।
  4. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
  5. उपवासी भोजन का पालन करें, जैसे कि फल, दूध, खीर आदि।

तीसरा सोमवार सावन मास का एक महत्वपूर्ण दिन है और इस दिन की गई पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। भक्तों को इस दिन उपवास, पूजा और ध्यान में रहने का विशेष महत्व दिया जाता है।

इस दिन करे ये कार्य:

  1. उपवास रखें: तीसरे सोमवार को उपवास रखना शिव की पूजा में समर्पित होने का संकेत है। उपवासी भोजन का पालन करें।
  2. शिवलिंग की पूजा: शिवलिंग की स्थापना करें और गंगाजल से उसे स्नान कराएं। बिल्व पत्र, धूप, दीप, चांदन, फल-फूल से पूजा करें।
  3. मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” या अन्य शिव मंत्रों का जाप करें।
  4. शिव चालीसा का पाठ: शिव चालीसा का पाठ करें।
  5. ध्यान और मन्त्र में लगे रहें: शिव के ध्यान में रहें और उनकी कृपा की प्रार्थना करें।
  6. धार्मिक पुस्तकें और स्थल पर जाएं: शिव मंदिर या तीर्थ स्थल पर यात्रा करें और विशेषकर शिव की पूजा और आराधना करें।

इस दिन न करें ये कार्य:

  1. मांसाहार और अशुद्ध भोजन: उपवासी भोजन का पालन करें और मांसाहार से बचें।
  2. अशुद्धता: धार्मिकता और शुद्धता के मार्ग पर चलें, अशुद्धता और अपमानित करने वाले कार्यों से बचें।
  3. उपद्रव, विवाद: भगवान शिव के मास में शांति और ध्यान में रहने का समय माना जाता है, इसलिए अत्यधिक व्यापार, शोर-शराब से बचें।
  4. कपट और झूठ: शांति और सत्य के मार्ग पर चलें, कपट, झूठ, और अधर्म से बचें।