विवाह पंचमी का पर्व भगवान राम और माता सीता के विवाह के दिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत, नेपाल, और कुछ अन्य क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है। विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता की पुण्यतिथि के रूप में विवाह संबंधी आयोजन किए जाते हैं।
विवाह पंचमी की तिथि
इस बार विवाह पंचमी 6 दिसंबर, 2024 को है. हालांकि, इसकी शुरुआत 5 दिसंबर, 2024 को ही 12:49 बजे होगा. इस तिथि का समापन 6 दिसंबर, 2024 को 12:07 बजे होगा.
विवाह पंचमी का महत्व
विवाह पंचमी का पर्व विशेष रूप से विवाह से संबंधित धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा और व्रत के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान राम और माता सीता के आदर्श विवाह का प्रतीक है, जिसमें प्रेम, सम्मान, और निष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
- भगवान राम और माता सीता का विवाह: विवाह पंचमी के दिन राम और सीता ( जानकी ) का विवाह हुआ था, जो कि एक आदर्श विवाह माना जाता है। राम और सीता का विवाह हिन्दू संस्कृति में एक आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जहाँ दोनों ने अपने कर्तव्यों और धर्म का पालन करते हुए एक-दूसरे के प्रति पूर्ण विश्वास और सम्मान का पालन किया।
- विवाह का धार्मिक महत्व: विवाह पंचमी पर विवाहित जीवन की सफलता के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्व है जो विवाह योग्य होते हैं और विवाह में सफलता की कामना करते हैं।
विवाह पंचमी का इतिहास
विवाह पंचमी का इतिहास रामायण से जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान राम ने माता सीता के साथ स्वयंवर के बाद विवाह किया। माता सीता का स्वयंवर आयोजन राजा जनक ने किया था, जिसमें भगवान राम ने शिव धनुष को तोड़कर सीता को अपना जीवन साथी चुना था। यह दिन इस महान विवाह की याद में मनाया जाता है।
विवाह पंचमी पर पूजा विधि
विवाह पंचमी के दिन विशेष रूप से भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:
- स्नान और शुद्धता: पूजा शुरू करने से पहले स्नान करके शरीर और मन को शुद्ध किया जाता है।
- स्वच्छ स्थान का चयन: पूजा के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें।
- राम और सीता का पूजन: भगवान राम और माता सीता के चित्र या मूर्ति को स्वच्छ जल से स्नान कराकर पूजा करें।
- फल और फूल अर्पित करें: भगवान राम और सीता को गुलाब, बेला, और अन्य सुगंधित फूल अर्पित करें। साथ ही फल और मिठाई अर्पित करें।
- राम रक्षा स्तोत्र और सीता स्तोत्र का पाठ: राम रक्षा स्तोत्र और सीता स्तोत्र का पाठ करें।
- सत्यनारायण पूजा: यदि संभव हो तो सत्यनारायण पूजा का आयोजन करें, क्योंकि यह पूजा विवाह जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए की जाती है।
- विवाह योग्य कन्याओं का व्रत: विवाह योग्य कन्याएं इस दिन व्रत रखें और अच्छे पति की प्राप्ति के लिए विशेष प्रार्थना करें।
विवाह पंचमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम
- विवाह पंचमी (Vivah Panchami) के दिन शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित है।
- इस दिन मांसाहारी भोजन और शराब जैसे तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- विवाह पंचमी के दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें।
- विवाह पंचमी (Vivah Panchami)के दिन किसी का भी अपमान न करें।
विवाह पंचमी के दिन मनोकामनाएं पूर्ति के लिए करें ये उपाय
- मनचाहा वर पाने के लिए विवाह पंचमी (Vivah Panchami)के दिन व्रत रखें और श्री राम और माता सीता की पूजा करें। उनका विवाह संपन्न कराएं और अपनी इच्छापूर्ति की कामना करें।
- यदि पारिवारिक जीवन में कोई समस्या हो तो विवाह पंचमी के दिन रामचरितमानस में लिखी राम सीता की कथा का वर्णन करना चाहिए।
- मान्यता है कि विवाह पंचमी (Vivah Panchami) के दिन ही रामचरितमानस का विवाहोत्सव मनाया जाता था। इसलिए इस दिन घर में पाठ करने से घर में मौजूद नकारात्मकता दूर हो जाती है और परिवार में सुख-शांति आती है। रिश्ते बेहतर होने लगते हैं।
- इस दिन सीमा राम की विधि-विधान से पूजा करने और श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- पहले से कोई संतान है और उसे किसी तरह की समस्या है, तो वो परेशानी भी दूर हो सकती है।