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Dhanu Sankranti | धनु संक्रांति के दिन जरूर करें ये काम | PDF

Dhanu Sankranti

Dhanu Sankranti

Dhanu Sankranti शनिवार 16 दिसंबर 2023 को है। धनु संक्रांति के दिन महा पुण्य काल शाम 4:09 से 5:59 तक है।

सनातन धर्म में संक्रांति की तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन, सैकड़ों श्रद्धालु धार्मिक स्नान और पूजा के लिए पवित्र नदियों के तट पर इकट्ठा होते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को है। देश के कई हिस्सों में संक्रांति को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि जब सूर्य देव एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे संक्रांति कहा जाता है। 

संक्रांति पर नदियों में स्नान का है विशेष महत्व

ज्योतिषियों का मानना ​​है कि इस दिन तीर्थ स्थलों या पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन भगवान सूर्य के साथ-साथ भोलेनाथ और भगवान विष्णु की भी पूजा करने की परंपरा है। उस दिन तर्पण भी किया जाता है कहा जाता है कि इस दिन पितरों को तर्पण करने से शांति और आशीर्वाद मिलता है। इससे बच्चों का कष्ट कम हो जाता है।

क्या दान करें

वैसे तो हर तरह का दान पुण्यफलदायी है, लेकिन धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) के दिन जितना हो सके जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। लेकिन पुरोहितों का कहना है कि गोदान विशेषकर सूर्योपासना पर्व के दिन ही करना चाहिए। रोजमर्रा की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए आप यह भी उपाय चुन सकते हैं- इस दिन गाय को चारा खिलाएं। इस दिन गाय को चारा खिलाना पुण्यफलदायी है।

धनु संक्रांति पूजा

पुजारियों के अनुसार सूर्य संक्रांति पूजा के दिन अनुशासन और पवित्रता की आवश्यकता होती है। इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए, स्नान ध्यान करना चाहिए और उगते सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और साथ ही व्रत और सूर्य नारायण की पूजा करनी चाहिए। आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करना चाहिए। इसके बाद दोपहर के समय पितरों को तर्पण देना चाहिए। बाद में जरूरतमंदों को दान करें और गाय को चारा खिलाएं। इस दिन भोजन से नमक को बाहर कर देना चाहिए।

धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) पूजा विधि

धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) के दिन जरूर करें ये काम

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