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Maa Parvati Aarti | माँ पार्वती जी की आरती | PDF

Maa Parvati Aarti माँ पार्वती जी की आरती

पार्वती आरती एक भक्तिमय गीत है जो देवी पार्वती को समर्पित है। देवी पार्वती को हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रेम, शक्ति और उर्वरता की देवी के रूप में जाना जाता है। पार्वती आरती का गायन या सुनना भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और सुख लेकर आता है। देवी पार्वती की आराधना करने वाले भक्त उनके आशीर्वाद के लिए इस आरती का विशेष रूप से पाठ करते हैं, जिससे उन्हें शक्ति, सुरक्षा और परिवारिक जीवन में सामंजस्य प्राप्त होता है।

माँ पार्वती आरती का महत्त्व

पार्वती आरती हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों में एक विशेष स्थान रखती है। इसे विभिन्न त्योहारों और विशेष अवसरों पर, विशेषकर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के दौरान गाया जाता है। यह आरती न केवल भक्ति प्रकट करने का एक साधन है, बल्कि देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक आध्यात्मिक प्रथा भी है।

माँ पार्वती आरती के लाभ

भक्तों का मानना है कि पार्वती आरती का गायन या सुनना निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:

1. जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है

2. आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त करने में मदद करता है

3.शांति और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है

4. पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है

5. देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर सुख और समृद्धि को आमंत्रित करता है

माँ पार्वती जी की आरती

जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता।
सदा सहाय करो, जग जननी माता॥
जय पार्वती माता…

अर्थ – हे माता पार्वती, आपकी जय हो। आप सदा मेरी सहायता करें, हे संसार की जननी।

शिवजी की अर्धांगिनी, सुन्दर सुखदायी।
शंकर की प्रिय माता, त्रिपुरारी के माई॥
जय पार्वती माता…

अर्थ – आप भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं, जो सुंदर और सुख देने वाली हैं। आप भगवान शंकर की प्रिय और त्रिपुरारी (त्रिपुरासुर का वध करने वाले शिव) की माता हैं।

सती स्वरूपा तारा, शिव उमा भवानी।
तीनों लोक में माता, तेरी महिमा न्यारी॥
जय पार्वती माता…

अर्थ – आप सती (पवित्रता की देवी) और तारक स्वरूपा हैं। आप शिवजी की शक्ति और उमा भवानी के रूप में पूजनीय हैं। तीनों लोकों में आपकी महिमा अद्वितीय है।

पार्वती तुम जगदम्बा, तुम हो अन्नपूर्णा।
शिवमुख से वर पाया, तुम हो शंकर प्रिया॥
जय पार्वती माता…

अर्थ – आप पार्वती, जगदंबा (संसार की माता) हैं। आप अन्नपूर्णा (भोजन की देवी) हैं। शिवजी ने आपको अपनी प्रिय के रूप में स्वीकार किया है।

पतित उद्धारिणी माता, जग पालनहारी।
तुम्हीं हो शारदा माता, अज्ञानी अधिकारी॥
जय पार्वती माता…

अर्थ – आप पतित (पापियों) का उद्धार करने वाली और जगत का पालन करने वाली माता हैं। आप शारदा (सरस्वती) माता भी हैं, जो अज्ञानी को ज्ञान प्रदान करती हैं।

जो कोई तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।
जग की महिमा न्यारी, सब विधि सुखकारी॥
जय पार्वती माता…

अर्थ – जो भी भक्त आपकी आराधना करता है, वह अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। आपकी महिमा अद्वितीय है और हर प्रकार से सुख देने वाली है।

आरती के बाद का मंत्र:

ॐ जय शिव पार्वती माता
शिवजी के संग निवास तुम्हारा
हरदम भक्तों का तुम सहारा
ॐ जय शिव पार्वती माता॥

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