भारतीय ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्म का दंडाधिकारी माना गया है। शनि की दृष्टि जहाँ एक ओर कठिनाई और संघर्ष लेकर आती है, वहीं दूसरी ओर आत्म-परिक्षण, अनुशासन और सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा भी देती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष होता है – जैसे शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, या अशुभ स्थानों में शनि की स्थिति – तब उसे जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए विशेष रूप से शनिवार को कुछ विशेष उपाय और पूजा विधियाँ की जाती हैं।
शनि दोष के लक्षण
शनि दोष के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- बार-बार असफलता मिलना
- नौकरी में रुकावटें
- पारिवारिक कलह
- मानसिक तनाव व अवसाद
- आर्थिक तंगी
- अपमान या बदनामी
- अचानक दुर्घटनाएँ या रोग
शनि दोष को दूर करने के उपाय
1. हनुमान जी की उपासना करें
शनिदेव हनुमान जी के परम भक्त हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति हनुमान जी की आराधना करता है, उसे शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
क्या करें:
- शनिवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें
- हनुमान मंदिर में सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं
2. शनि स्तोत्र और मंत्रों का जाप
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप लाभकारी होता है:
शनि बीज मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
शनि गायत्री मंत्र:
ॐ क्रौं कृष्णाय नमः
शनि स्तोत्र:
दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें
3. दान और सेवा
शनिवार को दान करने से शनि दोष में भारी राहत मिलती है। शनि सेवा का कारक है, अतः जरूरतमंदों की सेवा शनि को अत्यंत प्रिय है।
क्या दान करें:
- काले तिल
- काला कपड़ा
- काला चना
- सरसों का तेल
- लोहे का सामान
- कंबल
- जूते-चप्पल
किसे दान करें:
- निर्धनों, वृद्धों, विकलांगों या श्रमिकों को
शनिवार को क्या करें?
1. प्रातः स्नान कर शनि मंदिर जाएँ
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
- शुद्ध वस्त्र पहनें (काले या नीले रंग के कपड़े श्रेष्ठ माने जाते हैं)
- शनि मंदिर जाकर पूजा करें
2. पीपल के वृक्ष की पूजा करें
- पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं
- दीया जलाएं (सरसों के तेल का)
- सात बार परिक्रमा करें
3. सरसों के तेल का दीपक जलाएं
- शनिवार की संध्या के समय घर के मुख्य द्वार पर या शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं
- उसमें लौंग डालना और शनिदेव का ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है
4. शनि को तेल चढ़ाना
- लोहे की कटोरी में सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें
- इसके बाद वह तेल शनिदेव को अर्पित करें
शनिदेव को क्या चढ़ाएं?
- काला तिल: शुद्धता से चढ़ाएं
- सरसों का तेल: दीपक और चढ़ावे दोनों में
- काले वस्त्र: लपेटकर दान करें
- लोहा या लोहे के बर्तन
- नील कमल का फूल (यदि उपलब्ध हो)
- काली उड़द, काला चना, काले तिल के लड्डू
शनि देव को कौन-से पकवान बनाकर चढ़ाएं?
शनिदेव को तामसिक भोजन पसंद नहीं होता, लेकिन कुछ विशिष्ट प्रसाद जैसे काले तिल, उड़द और गुड़ से बने पकवान उन्हें प्रिय होते हैं।
1. काले तिल के लड्डू
सामग्री: काले तिल, गुड़, घी
विधि:
- तिल को भूनें
- गुड़ को घी में पिघलाएं
- दोनों को मिलाकर लड्डू बनाएं
- शनिदेव को अर्पित करें
2. काले चने की खिचड़ी
सामग्री: काला चना, चावल, हल्के मसाले
विधि:
- रातभर भिगोया काला चना
- चावल के साथ पकाएं
- सरसों के तेल में तड़का लगाकर भोग लगाएं
3. उड़द दाल के वड़े
- उड़द दाल को भिगोकर पीस लें
- घी में तलें
- सरसों के पत्ते के साथ अर्पित करें
4. सरसों के तेल में बनी पूरियाँ
- काली मिर्च या अजवाइन मिलाकर बनाएं
- घी की बजाय सरसों के तेल में तलना श्रेष्ठ माना गया है
शनिदेव को प्रसन्न करने के अन्य उपाय
1. श्रमिकों और सफाई कर्मियों को भोजन कराएं
श्रमिक, सफाईकर्मी और रिक्शा चलाने वाले लोग शनि के प्रतीक होते हैं। उन्हें भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायक होता है।
2. कुत्तों और कौवों को भोजन देना
शनिदेव कुत्ते और कौए के रूप में भी माने जाते हैं। उन्हें रोटी या पकवान खिलाने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
3. शनिवार को व्रत रखें
- केवल एक समय भोजन करें
- नमक रहित भोजन करना और उपवास में संयम रखना लाभकारी होता है
- शाम को शनि मंदिर जाकर पूजन करें
शनि दोष कोई अभिशाप नहीं है, बल्कि यह आत्ममंथन और सुधार का एक अवसर है। यदि व्यक्ति सच्चाई, मेहनत और सेवा के मार्ग पर चलता है तो शनिदेव की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। शनिवार के दिन शुद्धता से किए गए उपाय, दान-पुण्य, मंत्र जाप और सेवा कर्म निश्चित रूप से शनि दोष को शांत करते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं।