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Shri Shanivar Vrat Vidhi | श्री शनिवार व्रत विधि | PDF

Shri Shanivar Vrat Vidhi

Shri Shanivar Vrat Vidhi

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार शनिदेव की महिमा इतनी महान मानी गई है कि वे राजा को भिखारी और भिखारी को राजा बनाने में सक्षम हैं। यह भी माना जाता है कि जिन लोगों का शनि कमजोर है या शनिदेव उनसे नाराज हैं, वे हर शनिवार को विधि-विधान से पूजा करते हैं तो शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के अलावा शनि चालीसा का पाठ और शनिदेव के मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। कई भक्त शनिदेव को तेल का दान भी करते हैं।

शनि महामंत्र

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनिवार व्रत विधि के क्या महत्व है?

शनिवार का व्रत करने से कुंडली में शनि दोष खत्म हो जाता है। शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए यह व्रत बहुत कारगर है। जिन लोगों के काम में बाधा आती है या काम पूरा नहीं हो पाता है,  उनके काम भी इस व्रत को करने से बनने लगते हैं। सफलता के साथ सम्मान भी आता है. घर में सुख-शांति के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी होता है। इसी कारण से शनिवार का व्रत करना बहुत शुभ माना जाता है।

ऐसे करें पूजन

मान्यता है कि शनि मंदिर में जाकर ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। वहां उन्हें काले कपड़े, लोहे की वस्तुएं, सरसों का तेल, उड़द की दाल आदि चीजें भी अर्पित की जाती हैं। कई लोग पूजा के लिए शनिदेव के मंदिर या पीपल के पेड़ के पास नहीं जा पाते हैं। ऐसे लोग घर में तेल से भरे दीपक जलाकर भगवान शिव और हनुमानजी की पूजा कर सकते हैं। इस प्रार्थना के बाद शनि मंत्र का 21 बार जाप करना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा शनिवार के दिन कुछ चीजें चढ़ाना या खाना भी शुभ माना जाता है।

शनिवार को क्या खाएं?

शनि पूजा में महिलाएं न करें ये गलती?

अगर कोई महिला शनिवार का व्रत रखती है तो उसे अनजाने में भी किसी मूर्ति को नहीं छूना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इससे उन पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है। महिलाओं को शनि प्रतिमा का तेल से अभिषेक नहीं करना चाहिए। यह नियम केवल पुरुषों पर लागू होता है। महिलाओं के लिए मंदिर में शनि चालीसा का जाप करना लाभकारी होता है।

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