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Varuthini Ekadashi 2025 | आपके जीवन को बदल सकती है वरूथिनी एकादशी – जानिए कैसे | PDF

A serene scene of a deity seated on a lotus, surrounded by lotus flowers and candles, with a person praying and an idol in the background amid temple pillars and soft light.

वरूथिनी एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। “वरूथिनी” शब्द का अर्थ होता है रक्षा करने वाली। यह एकादशी न केवल पापों से रक्षा करती है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करती है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन में सुख, समृद्धि, शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वरूथिनी एकादशी का पौराणिक महत्व

पुराणों के अनुसार, एक समय की बात है कि राजा मान्धाता, जो धर्मात्मा और सत्यवादी थे, को श्राप के कारण जंगली जानवर ने काट लिया। उन्होंने भगवान श्रीविष्णु से प्रार्थना की। तब नारद मुनि ने उन्हें वरूथिनी एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी। इस व्रत के प्रभाव से राजा को पूर्व स्वरूप की प्राप्ति हुई और उनके पाप नष्ट हो गए।

इसके अलावा भविष्य पुराण में वर्णित है कि इस व्रत को करने से हजार अश्वमेध यज्ञ और सौ राजसूय यज्ञ के बराबर पुण्य फल मिलता है।

2025 में वरूथिनी एकादशी कब है?

2025 में वरूथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जाएगा।
पारण का समय: 25 अप्रैल की सुबह, सूर्योदय के बाद।

वरूथिनी एकादशी की पूजा विधि

इस दिन व्रत और पूजा विधिपूर्वक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पूजा विधि इस प्रकार है:

1. प्रातःकाल की तैयारी
2. पूजन सामग्री
3. पूजा प्रक्रिया
4. रात्रि जागरण
5. द्वादशी को पारण

वरूथिनी एकादशी के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं?

खाने योग्य वस्तुएं (फलाहार):

जिनसे परहेज करें:

वरूथिनी एकादशी व्रत के लाभ

1. पापों से मुक्ति

जो व्यक्ति सच्चे मन से यह व्रत करता है, उसके जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

2. अतींद्रिय शांति और मोक्ष

यह व्रत आत्मा को शुद्ध करता है और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है।

3. रोगों से छुटकारा

जो व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से पीड़ित होता है, उसे यह व्रत करने से राहत मिलती है।

4. धन, समृद्धि और ऐश्वर्य

भगवान विष्णु की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।

5. कुंडली दोष एवं ग्रह बाधा शांति

जिनकी कुंडली में राहु, केतु या शनि से संबंधित दोष हों, उनके लिए यह व्रत लाभकारी है।

6. कर्ज से मुक्ति

यह व्रत ऋण मुक्ति के लिए भी प्रभावशाली माना गया है।

वरूथिनी एकादशी पर क्या न करें?

व्रत कथा का महत्व

वरूथिनी एकादशी की कथा सुनने या पढ़ने मात्र से ही पुण्य प्राप्त होता है। इसमें बताया गया है कि राजा मान्धाता, जिन पर श्राप के कारण संकट आया था, इस व्रत के प्रभाव से पुनः समृद्ध हो गए। कथा हमें यह सिखाती है कि विष्णु भक्ति से कोई भी बाधा हल की जा सकती है।

वरूथिनी एकादशी एक अत्यंत पुण्यदायी व्रत है जो भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति का सशक्त माध्यम है। यह व्रत न केवल जीवन की नकारात्मकताओं को दूर करता है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी मनुष्य को उन्नत करता है।

तो आइए, 2025 में 24 अप्रैल को वरूथिनी एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को धर्म, सुख, और समृद्धि से परिपूर्ण बनाएं।

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