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Dashami Shraddha 2025 | दशमी श्राद्ध जानें विधि, नियम और धार्मिक मान्यता | PDF

दशमी श्राद्ध  पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान दसवें दिन (दशमी तिथि) को किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह विशेष रूप से उन पूर्वजों के लिए आयोजित किया जाता है जिनकी मृत्यु दसवें दिन हुई थी या जिनके श्राद्ध की तिथि दशमी है। यहाँ दशमी श्राद्ध के बारे में पूरी जानकारी दी गई है:

दशमी श्राद्ध का महत्व:

1. पूर्वजों की पूजा:
2. पितृ आशीर्वाद:
3. पितृ दोष से मुक्ति:

दशमी श्राद्ध की मुख्य विधियाँ:

1. पिंडदान और तर्पण:
2. दान और ब्राह्मण भोज:
3. भगवान की पूजा:

दशमी श्राद्ध में पूजा के लिए:

मंत्रों का जाप:

1. पितृ मंत्र:
2. विष्णु मंत्र:
3. शिव मंत्र:

अनुष्ठान के दौरान:

विशेष नियम:

दशमी श्राद्ध का उद्देश्य:

दशमी श्राद्ध का मुख्य उद्देश्य पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करना और तर्पण तथा पिंडदान के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करना है। परिवार के सभी सदस्य, विशेषकर पुत्र या पुत्रवत सदस्य, इस अनुष्ठान में शामिल होते हैं।

दशमी श्राद्ध को श्रद्धा और पवित्रता से संपन्न करने से पूर्वजों की आत्मा तृप्त होती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

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