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Raksha Bandhan 2025 | भाई-बहन के पवित्र बंधन को मनाने के लिए क्या करें और क्या न करें, जानें इस विशेष पर्व के रीति-रिवाज | PDF

Raksha Bandhan

Raksha Bandhan 2025

रक्षाबंधन एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के स्नेह, प्रेम और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई-अगस्त के महीने में पड़ता है। रक्षाबंधन का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक, और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।

रक्षाबंधन 2025 का संक्षिप्त विवरण:

रक्षाबंधन 2025 में शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

शुभ समय (राखी बांधने का) – 9 अगस्त सुबह 5:21 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक।

रक्षाबंधन के दिन क्या करें:

  1. स्नान और पूजा: सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें। भगवान की पूजा करें और राखी बाँधने से पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।
  2. राखी की थाली सजाएँ: पूजा की थाली में राखी, रोली (चंदन), अक्षत (चावल), दीपक, मिठाई, और नारियल रखें। इससे पूजा का महत्व बढ़ता है।
  3. राखी बाँधना: बहनें भाई की कलाई पर राखी बाँधें और उनकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करें। भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन दें और उसे उपहार या आशीर्वाद दें।
  4. मिठाइयों का आदान-प्रदान: रक्षाबंधन के दिन मिठाइयाँ बाँटें और त्योहार की मिठास को बढ़ाएँ। यह खुशी और प्रेम का प्रतीक है।
  5. पारिवारिक एकता: परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएँ। इस दिन भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के साथ-साथ पारिवारिक एकता का भी प्रतीक बनाएँ।

रक्षाबंधन के दिन क्या न करें:

  1. नकारात्मक भावनाओं से बचें: इस दिन क्रोध, ईर्ष्या, और द्वेष जैसी नकारात्मक भावनाओं से बचें। भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और समर्पण का भाव बनाए रखें।
  2. लापरवाही से बचें: राखी बाँधने के शुभ मुहूर्त का पालन करें और अनावश्यक लापरवाही से बचें। इससे त्योहार की महत्ता और शुभता बनी रहती है।
  3. द्वेषपूर्ण बातें न करें: इस दिन किसी के प्रति कटु वचन न बोलें और न ही किसी से दुर्व्यवहार करें। रक्षाबंधन प्रेम और सद्भाव का पर्व है, इसलिए सभी के साथ मधुर व्यवहार करें।
  4. अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में विघ्न न डालें: रक्षाबंधन के दौरान धार्मिक या पारिवारिक कार्यों में किसी भी प्रकार का विघ्न न डालें। सभी के लिए यह दिन खास होता है, इसलिए उसे सम्मानपूर्वक मनाएँ।

निष्कर्ष: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट बंधन को मनाने और उनकी सुरक्षा और समर्पण को सशक्त करने का दिन है। यह पर्व न केवल रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि परिवार और समाज में प्रेम, सद्भाव, और एकता का संदेश भी फैलाता है।

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