Press ESC to close

VedicPrayersVedicPrayers Ancient Vedic Mantras and Rituals

Raksha Bandhan 2025 | भाई-बहन के पवित्र बंधन को मनाने के लिए क्या करें और क्या न करें, जानें इस विशेष पर्व के रीति-रिवाज | PDF

  • All
  • अगस्त 9, 2025

Raksha Bandhan 2025

रक्षाबंधन एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के स्नेह, प्रेम और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई-अगस्त के महीने में पड़ता है। रक्षाबंधन का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक, और भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।

रक्षाबंधन 2025 का संक्षिप्त विवरण:

रक्षाबंधन 2025 में शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

शुभ समय (राखी बांधने का) – 9 अगस्त सुबह 5:21 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक।

  • त्योहार का महत्व: इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी (धागा) बाँधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं। भाई इस रक्षा सूत्र के बदले बहन की सुरक्षा और उसकी सहायता का वचन देते हैं।
  • धार्मिक पक्ष: रक्षाबंधन के पीछे कई पौराणिक कथाएँ भी हैं। सबसे प्रमुख कथा भगवान इंद्र और इंद्राणी से जुड़ी है, जहाँ इंद्राणी ने इंद्र को राखी बाँधकर विजयश्री का आशीर्वाद दिया था। एक अन्य कथा में द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को राखी बाँधी थी, और कृष्ण ने द्रौपदी की हर संकट में रक्षा का वचन दिया था।
  • रिवाज और परंपराएँ: इस दिन बहनें पूजा की थाली सजाती हैं, जिसमें राखी, रोली, चावल, दीपक, और मिठाई होती है। भाई की कलाई पर राखी बाँधने के बाद, भाई बहन को उपहार देते हैं।कुछ परिवारों में, भाई भी अपनी बहन को राखी बाँधते हैं, जो आपसी प्रेम और देखभाल का प्रतीक है।
  • सांस्कृतिक महत्व: रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के बीच के रिश्ते तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह त्योहार समाज में सभी प्रकार के रक्षात्मक बंधनों को भी दर्शाता है। यह दिन पारिवारिक एकता और सामाजिक बंधनों को मजबूत करने का प्रतीक है।
  • उपहार और मिठाइयाँ: इस दिन भाइयों द्वारा बहनों को उपहार देना एक आम परंपरा है। इसके साथ ही मिठाइयों का आदान-प्रदान भी होता है, जो इस त्योहार की मिठास को और बढ़ा देता है।

रक्षाबंधन के दिन क्या करें:

  1. स्नान और पूजा: सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें। भगवान की पूजा करें और राखी बाँधने से पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।
  2. राखी की थाली सजाएँ: पूजा की थाली में राखी, रोली (चंदन), अक्षत (चावल), दीपक, मिठाई, और नारियल रखें। इससे पूजा का महत्व बढ़ता है।
  3. राखी बाँधना: बहनें भाई की कलाई पर राखी बाँधें और उनकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करें। भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन दें और उसे उपहार या आशीर्वाद दें।
  4. मिठाइयों का आदान-प्रदान: रक्षाबंधन के दिन मिठाइयाँ बाँटें और त्योहार की मिठास को बढ़ाएँ। यह खुशी और प्रेम का प्रतीक है।
  5. पारिवारिक एकता: परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएँ। इस दिन भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के साथ-साथ पारिवारिक एकता का भी प्रतीक बनाएँ।

रक्षाबंधन के दिन क्या न करें:

  1. नकारात्मक भावनाओं से बचें: इस दिन क्रोध, ईर्ष्या, और द्वेष जैसी नकारात्मक भावनाओं से बचें। भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और समर्पण का भाव बनाए रखें।
  2. लापरवाही से बचें: राखी बाँधने के शुभ मुहूर्त का पालन करें और अनावश्यक लापरवाही से बचें। इससे त्योहार की महत्ता और शुभता बनी रहती है।
  3. द्वेषपूर्ण बातें न करें: इस दिन किसी के प्रति कटु वचन न बोलें और न ही किसी से दुर्व्यवहार करें। रक्षाबंधन प्रेम और सद्भाव का पर्व है, इसलिए सभी के साथ मधुर व्यवहार करें।
  4. अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में विघ्न न डालें: रक्षाबंधन के दौरान धार्मिक या पारिवारिक कार्यों में किसी भी प्रकार का विघ्न न डालें। सभी के लिए यह दिन खास होता है, इसलिए उसे सम्मानपूर्वक मनाएँ।

निष्कर्ष: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट बंधन को मनाने और उनकी सुरक्षा और समर्पण को सशक्त करने का दिन है। यह पर्व न केवल रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि परिवार और समाज में प्रेम, सद्भाव, और एकता का संदेश भी फैलाता है।

Stay Connected with Faith & Scriptures

"*" आवश्यक फ़ील्ड इंगित करता है

declaration*
यह फ़ील्ड सत्यापन उद्देश्यों के लिए है और इसे अपरिवर्तित छोड़ दिया जाना चाहिए।