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Karwa Chauth

करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर विवाहित महिलाओं के लिए। यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए सुख, समृद्धि और लंबी आयु प्राप्त करने के लिए रखती हैं। इसके अलावा कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं इस साल करवा चौथ का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

करवा चौथ 2023 तिथि
इस वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर, मंगलवार को रात्रि 9:30 बजे प्रारंभ हो रही है। यह तिथि  अगले दिन 1 नवंबर रात 9बजकर 19 मिनट  तक  रहेगी। ऐसे में करवा चौथ का व्रत बुधवार, 1 नवंबर 2023 को उदया तिथि और चंद्रोदय के समय को ध्यान में रखते हुए रखा जाएगा।

करवा चौथ 2023 शुभ मुहूर्त
करवा चौथ (Karwa Chauth) के दिन पूजा का शुभ समय शाम 05:45 से शाम 07:32 तक है। इस समय पूजा के अतिरिक्त व्रत कथा  भी अवश्य पढ़नी चाहिए। क्योंकि बिना व्रत कथा कोई भी व्रत पूरा नहीं माना जाता । इसके बाद जब चंद्रमा निकले तो चंद्रमा को देखें और फिर अपना व्रत खोलें।

करवा चौथ व्रत की मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ व्रत की परंपरा महाभारत काल में शुरू हुई थी। सबसे पहले द्रौपदी ने पांडवों की जान बचाने के लिए श्रीकृष्ण की सलाह पर यह व्रत रखा था। ऐसा कहा जाता है कि द्रौपदी के व्रत से पांडवों के जीवन को कोई नुकसान नहीं हुआ। इसलिए कहा जाता है कि हर शादीशुदा महिला को अपने पति की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए। इसके अलावा इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और आपसी रिश्ते मधुर बनते हैं।

करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ व्रत को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं और पौराणिक कथाएं समाज में प्रचलित हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन में खुशहाली की कामना करती हैं। कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत बहुत कठिन होता है और इसके प्रभाव से मनोकामना पूरी होती है। करवा चौथ का व्रत रखने से करवा चौथ माता  घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती हैं। यह व्रत विशेष रूप से दिल्ली, एनसीआर, उत्तर भारत और राजस्थान में मनाया जाता है।

बन रहा है ये शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल करवा चौथ के दिन एक चमत्कारी संयोग बन रहा है जिसमें शिवयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में कार्य या पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जाती है।

पूजा सामग्री
चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा (दान) के लिए पैसे आदि। इस व्रत में व्रत कथा का बहुत अधिक महत्व होता है। चांद के दर्शन से पहले करवा चौथ व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।

करवाचौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)

1. करवा चौथ की पूजा शाम को चंद्रोदय के बाद की जाती है। पूजा और व्रत की विधि के अनुसार करवा चौथ के दिन महिलाए सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन कर भगवान के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लेती हैं।

2. शाम की पूजा के लिए गेरू से घर की दीवार पर फलक बनाएं और फलक पर करवा का चित्र बनाएं।

3. इसके बाद शाम के समय  फलक वाले  स्थान पर एक चौकी लगाएं  और  माता पार्वती और भगवान शिव की तस्वीर लगाएं।

4. इसके बाद पूजा की थाली में दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुमकुम, रोली और मिठाई रखें। इसके बाद करवा में जल भरकर उसे पूजा में रख दें और माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। इसके बाद माता पार्वती, भगवान शिव और चंद्रदेव की पूजा करें।

करवा चौथ 2023 का चांद कब दिखेगा-
इस साल करवा चौथ का चांद रात 8:15 बजे दिखेगा।