Why We Celebrate Dussehra

दशहरा एक ऐसा त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है। यह त्यौहार हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन रावण  का पुतला बनाकर उसका दहन किया जाता है। 

दशहरा क्यों मनाया जाता है?
दशहरे का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आता है। विजयादशमी  यानी दशहरा (Dussehra) नवरात्रि समाप्त होने के अगले दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम ने रावण को मारने से पहले नौ दिनों तक समुद्र तट पर देवी दुर्गा की पूजा की और फिर दसवें दिन विजय प्राप्त की।

विजयादशमी से क्या है माँ दुर्गा का संबंध
एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस को भगवान ब्रह्मा से वरदान मिला था कि पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति उसे नहीं मार सकेगा। इस वरदान के कारण उसने तीनों लोकों में भ्रम फैला दिया। उसके बढ़ते पापों को रोकने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने मिलकर मां दुर्गा की रचना की।
माँ दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन इस राक्षस का वध कर दिया। परिणामस्वरूप, लोगों को इस राक्षस से मुक्ति मिल गई और हर जगह खुशी का राज हो गया। दसवें दिन मां दुर्गा की विजयी हुईं, इसलिए इस दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा।

दशहरे की पूजन विधि
दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और गेहूं या चूने से दशहरे की मूर्ति बनाएं। गाय के गोबर के 9 गोले और 2 कटोरे बनाएं, एक कटोरे में सिक्के रखें और दूसरे कटोरे में रोली, चावल, जौ व फल रखें। मूर्ति पर केले, जौ, गुड़ और मूली चढ़ाएं। यदि आप पुस्तकों या हथियारों की पूजा करते हैं, तो उन्हें भी पवित्र करना सुनिश्चित करें। फिर जितना हो सके  गरीबों को खाना खिलाएं। रावण दहन के बाद अपने परिवार के सदस्यों को शमी वृक्ष के पत्ते उपहार में दें। अंत में बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।

दशहरे के दिन करें ये उपाय

  • दशहरे के दिन देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए मंदिर में झाड़ू चढ़ाना चाहिए। इससे घर में धन-संपत्ति बढ़ती है।
  • दशहरे (Dussehra) के दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।कानून संबंधी पचड़ों से छुटकारा पाने के लिए भी यह उपाय बहुत अच्छा माना जाता है। विजयादशमी के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  • नौकरी व्यापार में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए दशहरे के दिन ‘ॐ विजयायै नम:' मंत्र का जाप करें। इसके बाद देवी मां को प्रणाम करें और उन्हें 10 फल अर्पित करें। फिर इन फलों को गरीबों में बांट दें।
  • अगर आप अपने शत्रुओं पर विजय पाना चाहते हैं तो विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन अवश्य करें। इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन बहुत शुभ माना जाता है। इससे सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
  • दशहरे के दिन एक नारियल को पीले कपड़े में लपेटें और मिठाई के साथ कुछ पवित्र धागे अपने घर के पास किसी मंदिर में दान करें। इन उपायों से व्यापारिक घाटे को रोका जा सकता है।
  • दशहरे के दिन किया गया यह उपाय आर्थिक उन्नति के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। दशहरे के दिन से 43 दिनों तक प्रतिदिन कुत्ते को बेसन के लड्डू खिलाने से लाभ मिलता है।