Shri Navagraha Stotra || श्री नवग्रह स्तोत्र ||
Shri Navagraha Stotra ॥ ऊं श्री गणेशाय नमः॥ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महदद्युतिम् । तमोरिंसर्वपापघ्नं प्रणतोSस्मि दिवाकरम् ॥ १ ॥ अर्थ — जपा के फूल की तरह जिनकी कान्ति है, कश्यप…
Shri Navagraha Stotra ॥ ऊं श्री गणेशाय नमः॥ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महदद्युतिम् । तमोरिंसर्वपापघ्नं प्रणतोSस्मि दिवाकरम् ॥ १ ॥ अर्थ — जपा के फूल की तरह जिनकी कान्ति है, कश्यप…
Shri Ram Raksha Stotra राम रक्षा स्तोत्र पढ़ने से पहले हाथ में जल लेकर इसको पढ़ें… विनियोगः – ॐ अस्य श्री रामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः, श्री सीतारामचन्द्रोदेवता, अनुष्टुप् छन्दः, सीताशक्तिः, श्रीमद्हनुमान…
Shri Krishna Stotram ।। श्रीकृष्ण से प्रार्थना ।। मूकं करोति वाचालं पंगु लंघयते गिरिम्। यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्।। अर्थ - जिनकी कृपा से गूंगे बहुत बोलने लगते हैं; पंगु…
Maa Durga Stotra जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे। जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे।। अर्थ - हे भगवती देवी माँ दुर्गा!! आपकी जय हो। आपको हमारा नमन…
Dashrath Krut Shani Dev Stotra विनियोगः ॐ अस्य श्रीशनि-स्तोत्र-मन्त्रस्य कश्यप ऋषिः, त्रिष्टुप् छन्दः, सौरिर्देवता, शं बीजम्, निः शक्तिः, कृष्णवर्णेति कीलकम्, धर्मार्थ-काम-मोक्षात्मक-चतुर्विध-पुरुषार्थ-सिद्धयर्थे जपे विनियोगः। कर-न्यासः शनैश्चराय अंगुष्ठाभ्यां नमः। मन्दगतये तर्जनीभ्यां नमः। …
Kaalbhairav Ashtakam देवराजसेव्यमानपावनांघ्रीपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिंदुशेखरं कृपाकरम् । नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥1॥ देव-राजा-सेव्यामन-पावना-अंघरी-पंकजम व्याल -यज्ञ-सूत्रम-इंदु-शेखरम कृपाकरम | नारद- आदि-योगी-वृंदा-वंदितम दिगंबरम काशिका -पुरा-अधिनाथ-कालभैरवम भजे ||1|| अर्थ - काशी के सर्वोच्च स्वामी. भगवान…
Shri Ganesh Stotra ॥ नारद पुराण वर्णित श्री संकट नाशन गणेश स्तोत्र ॥ प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् । भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुःकामार्थसिद्धये ॥1॥ अर्थ – पार्वतीनन्दन देवदेव श्री गणेशजी को सिर…
Shiv Ji Tandav Stotra जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥1॥ अर्थ – जिन्होंने जटारुपी अटवी ( वन ) से निकलती हुई गंगा जी…
Rinmochan Mangal Stotra मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः । स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥1॥ अर्थ – मङ्गल , भूमिपुत्र(धरती का पुत्र), ऋणहर्ता (कर्ज का नाश करने वाले), धनप्रद(धन को प्रदान करने वाले),…