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ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी:  काल भैरव की पूजा का महत्व

30 मई, 2024 को ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली कालाष्टमी, भगवान काल भैरव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस शुभ दिन पर, भक्त पूजा अनुष्ठान करते हैं और भगवान काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

काल भैरव भगवान शिव के सबसे उग्र रूपों में से एक हैं, और पूरे देश में उनकी पूजा की जाती है। वे दयालु भगवान हैं जो अपने भक्तों को सुरक्षा और कल्याण का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। कालाष्टमी का पर्व भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली लाने का एक उत्तम अवसर है।

भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्ति के सरल उपाय

आपको ज्येष्ठ माह की कालाष्टमी के बारे में तो पता ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन कुछ सरल उपायों से आप भगवान काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं?

1. अभिषेक : भगवान काल भैरव को दूध, दही, शहद, या पंचामृत से स्नान कराएं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मन को शांति मिलती है।

2. तिल का दान : कालाष्टमी के दिन काले तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप इन्हें किसी मंदिर में या जरूरतमंद को दान कर सकते हैं।

3. भैरव चालीसा का पाठ : भगवान काल भैरव की कृपा पाने के लिए भैरव चालीसा का पाठ अवश्य करें। इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भय दूर होता है।

4. जागरण : कुछ लोग कालाष्टमी की रात जागरण भी करते हैं। इस दौरान भजन-कीर्तन करना और भगवान का ध्यान लगाना शुभ माना जाता है।

5. सकारात्मक रहें : कालाष्टमी के दिन सकारात्मक रहना और शुभ विचार रखना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं।

इन सरल उपायों को अपनाकर आप ज्येष्ठ माह की कालाष्टमी को सार्थक बना सकते हैं और भगवान काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

इस दिन क्या करें:

  • पूजा-अर्चना: भगवान काल भैरव की विधिवत पूजा करें
  • दीपदान: तेल या घी से दीप जलाएं और भोग अर्पित करें।
  • भैरव चालीसा का पाठ: भगवान काल भैरव की भक्ति में चालीसा का पाठ करें।
  • दान-पुण्य: दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की मदद करें।
  • व्रत: वैकल्पिक रूप से, आप निर्जला या फलाहारी व्रत रख सकते हैं।

इस दिन क्या न करें:

  • मांस-मदिरा का सेवन: इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • असभ्य भाषा: बुरी भाषा का प्रयोग न करें और क्रोध से बचें।
  • नकारात्मक विचार: नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मक सोच रखें।
  • अनुचित कार्य: किसी भी प्रकार के अनुचित कार्यों से बचें।

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