Press ESC to close

VedicPrayersVedicPrayers Ancient Vedic Mantras and Rituals

Kalashtami 2025 | भगवान कालभैरव की आराधना से दूर करें जीवन की बाधाएं | PDF

कालाष्टमी हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण दिन है। यह भगवान शिव के उग्र रूप, भगवान कालभैरव को समर्पित होता है। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है।

कालाष्टमी का महत्व

इस दिन का संबंध भगवान शिव के रौद्र स्वरूप कालभैरव से है। मान्यता है कि कालभैरव ने अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना की थी। इसी दिन भक्त भगवान कालभैरव की पूजा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

कालभैरव को काल (समय) और मृत्यु के स्वामी माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि उनकी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है और व्यक्ति को भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

कालाष्टमी के दिन क्या करें?

कालाष्टमी पर भक्त भगवान कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

1. प्रातःकाल स्नान और संकल्प लें

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान कालभैरव की पूजा करने का संकल्प लें। साफ और सादे वस्त्र पहनें।

2. भगवान कालभैरव की पूजा करें

  • कालभैरव की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
  • पुष्प, काले तिल, सरसों का तेल, नारियल और गुड़ चढ़ाएं।
  • पंचोपचार विधि से पूजा करें और भगवान को प्रसन्न करें।

3. कालभैरव स्तोत्र और मंत्रों का जाप करें

कालाष्टमी पर मंत्र जाप का विशेष महत्व है। नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें:

  • “ॐ कालभैरवाय नमः”
  • “ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकालभैरवाय नमः”
  • “ॐ नमः शिवाय”

4. रात्रि जागरण करें

कालाष्टमी की रात भगवान कालभैरव की कथा सुनें और जागरण करें। इससे आपको विशेष फल प्राप्त होता है।

5. भैरव मंदिर जाएं

किसी नजदीकी भैरव मंदिर में जाकर दर्शन करें और भगवान को अर्पित करें। मंदिर में श्वान (कुत्ते) को भोजन कराना शुभ माना जाता है।

कालाष्टमी के दिन क्या न करें?

इस दिन कुछ चीजों का पालन न करना चाहिए:

  1. मांसाहार और नशे से बचें
    यह दिन शुद्धता और सात्विकता का है। इस दिन मांसाहार, शराब, तंबाकू आदि का सेवन न करें।
  2. झूठ न बोलें
    झूठ बोलने और किसी का दिल दुखाने से पूजा का फल नहीं मिलता।
  3. अपराध और हिंसा से बचें
    किसी भी प्रकार की हिंसा या गलत कार्य न करें। यह दिन आत्मा की शुद्धि का है।
  4. अस्वच्छता से बचें
    अपने घर और पूजा स्थल को स्वच्छ रखें। गंदगी और अव्यवस्था से भगवान प्रसन्न नहीं होते।

कालाष्टमी का पौराणिक संदर्भ

पुराणों के अनुसार, कालभैरव का अवतार भगवान शिव ने ब्रह्मा जी के अहंकार को नष्ट करने के लिए लिया था। ब्रह्मा जी ने भगवान शिव का अपमान किया था, जिससे शिव जी क्रोधित हो गए और उनके क्रोध से कालभैरव प्रकट हुए। कालभैरव ने ब्रह्मा जी के अहंकार का नाश किया और उन्हें उनके गलत कार्यों का एहसास कराया।

कालाष्टमी व्रत का महत्व

जो व्यक्ति कालाष्टमी का व्रत करता है, उसे भय और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से भगवान कालभैरव जीवन की सभी बाधाओं को दूर करते हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

व्रत की विधि:
  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  2. भगवान शिव और कालभैरव की पूजा करें।
  3. पूरे दिन फलाहार पर रहें।
  4. रात्रि में भैरव मंदिर में जाकर दर्शन करें।
  5. अगले दिन पूजा के बाद व्रत खोलें।

कालाष्टमी से जुड़ी विशेष प्रथाएं

  • श्वान (कुत्ते) को भोजन देना:
    भगवान कालभैरव का वाहन श्वान है। इसलिए इस दिन कुत्तों को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
  • दीपदान:
    रात के समय घर के बाहर और मंदिर में दीपक जलाने से अशुभ शक्तियां दूर रहती हैं।

कालभैरव के 8 रूप

भगवान कालभैरव के आठ रूप हैं, जिन्हें अष्टभैरव कहा जाता है। इन सभी रूपों की पूजा करने से अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैं।

  1. असितांग भैरव
  2. रुद्र भैरव
  3. चंद्र भैरव
  4. क्रोध भैरव
  5. उन्मत्त भैरव
  6. कपाली भैरव
  7. भीषण भैरव
  8. संहार भैरव

कालाष्टमी पर ध्यान देने योग्य बातें

  1. आध्यात्मिक साधना:
    इस दिन ध्यान, साधना और मंत्र जप करना आत्मिक विकास में सहायक होता है।
  2. पवित्रता बनाए रखें:
    अपने विचार, कर्म और वाणी में पवित्रता बनाए रखें।

कालाष्टमी का दिन भगवान कालभैरव को समर्पित है। यह दिन जीवन के सभी कष्टों को दूर करने और मन की शुद्धि के लिए अत्यधिक प्रभावी है। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा, व्रत, और साधना करने से व्यक्ति को भयमुक्त जीवन, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
“ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप करें और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।

Stay Connected with Faith & Scriptures

"*" आवश्यक फ़ील्ड इंगित करता है

declaration*
यह फ़ील्ड सत्यापन उद्देश्यों के लिए है और इसे अपरिवर्तित छोड़ दिया जाना चाहिए।