maa-katyayani-aarti

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।
जय जगमाता, जग की महारानी॥

अर्थ — अम्बे माता की जय हो, जय हो। कात्यायनी माता की जय हो। कात्यायनी माता जो इस जगत की भी माता हैं, उनकी जय हो। इस जगत की महारानी कात्यायनी देवी की जय हो।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा॥

अर्थ — बैजनाथ में कात्यायनी माता का मंदिर है और वे अपने मंदिर से भक्तों को वरदान देती हैं। जो कोई भी कात्यायनी माँ का नाम पुकारता है, माँ उसका उद्धार कर देती हैं।

कई नाम हैं, कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है॥

अर्थ — माँ कात्यायनी के कई नाम हैं जो उनके तरह-तरह के गुणों को प्रदर्शित करते हैं। उनके भिन्न-भिन्न रूपों के धाम भी कई हैं जो भारत के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं। आपका यह बैजनाथ धाम भी हमें सुख प्रदान करता है।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी॥

अर्थ — हर मंदिर में माँ कात्यायनी के नाम की ज्योति जलती है। योगों की ईश्वरी मां कात्यायनी की महिमा सभी से अलग व अद्भुत है।

हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते॥

अर्थ — कात्यायनी माँ के नाम के उत्सव तो हर जगह होते रहते हैं और हर मंदिर में भक्तगण मातारानी के नाम की पूजा करते हैं।

कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की॥

अर्थ — कात्यायनी माता हमारे शरीर की रक्षा करती हैं और उसे रोगों से बचाती हैं। वे हमारे मन को नियंत्रण में रखने का भी कार्य करती हैं और उसे सांसारिक मोहमाया से दूर कर देती हैं।

झूठे मोह से छुड़ाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली॥

अर्थ — कात्यायनी मां ही हमें इस झूठी व भ्रम वाली मोहमाया से दूर करती हैं और अपना नाम जपवाती हैं ताकि हमारा उद्धार हो जाए।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो॥

अर्थ — हमें हर बृहस्पतिवार (गुरुवार) के दिन माँ कात्यायनी के नाम की पूजा करनी चाहिए और उनका ध्यान करना चाहिए।

हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी॥

अर्थ — ऐसा करने से कात्यायनी माँ हमारे हर तरह के संकट को दूर कर देंगी और हमारे घर को अन्न-धन के भंडार से भर देंगी।

जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥

अर्थ — जो भी भक्तगण सच्चे मन के साथ माँ कात्यायनी का ध्यान करता है और उनके नाम को जपता है, मातारानी उसके सभी कष्ट दूर कर उसका कल्याण कर देती हैं।