
भारतीय धार्मिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण पूजा है, जो समृद्धि, धन, और सुख-शांति की देवी माँ लक्ष्मी की आराधना के लिए की जाती है। यहाँ पर माँ लक्ष्मी पूजा की संक्षिप्त विधि दी गई है:
|| ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।|
महत्व: माँ लक्ष्मी पूजा समृद्धि, धन, और सुख-शांति की देवी माँ लक्ष्मी की आराधना के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से धनतेरस, दीपावली, और शुक्ल पक्ष की लक्ष्मी पूजन तिथियों पर की जाती है। माँ लक्ष्मी की पूजा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, घर में सुख-शांति बनी रहती है, और जीवन में समृद्धि की प्राप्ति होती है।
माँ लक्ष्मी की पूजा शुक्रवार को विशेष रूप से की जाती है क्योंकि शुक्रवार का दिन धन, वैभव, और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन पूजा करने के पीछे कुछ खास कारण हैं:
माँ लक्ष्मी की पूजा शुक्रवार को करने के कारण:
1. शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी को समर्पित:
शुक्रवार को माँ लक्ष्मी का विशेष दिन माना जाता है। यह दिन “शुक्र” ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो ऐश्वर्य, प्रेम, और सुख-शांति का कारक है। इस दिन पूजा करने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
2. धन और समृद्धि की प्राप्ति:
माँ लक्ष्मी को धन, समृद्धि, और वैभव की देवी माना जाता है। शुक्रवार को उनका पूजन करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
माँ लक्ष्मी पूजा विधि:
1.तैयारी:
- पूजा के दिन, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां एक कपड़ा बिछाएं और माँ लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करें।
2.सर्वप्रथम गणेश पूजन:
- पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करें। यह आपके पूजा को विघ्न रहित बनाने के लिए आवश्यक है। गणेश जी को लड्डू, मोदक, और फूल अर्पित करें।
3.माँ लक्ष्मी का पूजन:
- माँ लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति पर सुगंधित फूल, दीपक, अगरबत्ती, और चावल अर्पित करें।
- माँ लक्ष्मी को मिठाई, फल, और दक्षिणा अर्पित करें।
4.अर्चना और प्रार्थना:
- माँ लक्ष्मी के नाम मंत्र जैसे “ॐ महालक्ष्मये नमः” का जाप करें।
- विशेष रूप से “श्री सूक्तम्” का पाठ करें, जो लक्ष्मी देवी की स्तुति करता है।
5.दीपक और आरती:
- पूजा स्थल पर दीपक जलाएं और माँ लक्ष्मी की आरती करें।
- आरती के दौरान “जय लक्ष्मी माता” का गान करें और दीपक की चारों दिशाओं में घुमाएं।
6.भोग और प्रसाद:
- पूजा के अंत में भगवान को अर्पित भोग का वितरण करें। भक्तों को प्रसाद बांटें और सबको प्रसन्नचित्त होकर भोजन कराएं।
7.ध्यान और संकल्प:
- पूजा के बाद माँ लक्ष्मी से धन, सुख, और समृद्धि की प्रार्थना करें। अपने घर में शांति और समृद्धि के लिए संकल्प लें।
8.विशेष ध्यान:
- पूजा के दिन घर में स्वच्छता बनाए रखें और घर के हर कोने को साफ करें। विशेषकर लक्ष्मी पूजन की रात, घर में सुख और समृद्धि का स्वागत करें।
पूजा विधि में क्या करें:
- स्वच्छता बनाए रखें: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और एक कपड़ा बिछाएं।
- स्नान और वस्त्र: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- गणेश पूजन: गणेश जी की पूजा कर व्रत का संकल्प लें।
- माँ लक्ष्मी की पूजा: माँ लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति पर फूल, दीपक, और अगरबत्ती अर्पित करें।
- मंत्र जाप: “ॐ महालक्ष्मये नमः” और “श्री सूक्तम्” का जाप करें।
- आरती: दीपक जलाकर माँ लक्ष्मी की आरती करें और दीपक को चारों दिशाओं में घुमाएं।
- भोग अर्पित करें: मिठाई और फल अर्पित करें और प्रसाद वितरित करें।
- प्रार्थना: माँ लक्ष्मी से धन, सुख, और समृद्धि की प्रार्थना करें।
पूजा विधि में क्या न करें:
- व्रति और पूजन में विघ्न: पूजा के समय किसी भी प्रकार की विघ्न न उत्पन्न करें।
- गंदगी या अशुद्धता: पूजा स्थल या अपने वस्त्रों में गंदगी या अशुद्धता न रखें।
- नकारात्मकता: पूजा के दौरान नकारात्मक विचार और क्रोध को त्यागें।
- अपराधी विचार: पूजा के समय झगड़े, विवाद या अन्य नकारात्मक गतिविधियों से बचें।