
सौभाग्य सुंदरी तीज का पर्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और शुभ अवसर है। यह त्योहार करवा चौथ और हरतालिका तीज की तरह ही पति की लंबी आयु, समृद्धि, और सुखमय जीवन के लिए मनाया जाता है। इस व्रत का उद्देश्य पति की लंबी उम्र और उनके प्रति सौभाग्य की प्राप्ति करना है, इसलिए इसे सौभाग्यवती स्त्रियों के सौभाग्य और सुंदरता को बनाए रखने के लिए विशेष रूप से किया जाता है।
सौभाग्य सुंदरी तीज की तिथि
सौभाग्य सुंदरी तीज आमतौर पर कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। साल 2024 में सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत सोमवार, 18 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं
सौभाग्य सुंदरी तीज का महत्व
सौभाग्य सुंदरी तीज का दिन विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। यह व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए करती हैं। इस व्रत को सौभाग्य और सुहाग का प्रतीक माना जाता है, और इस व्रत से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताएं
धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस व्रत को करने से माता पार्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। इस व्रत की पुण्य शक्ति से ही माता पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए, और इसलिए यह व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत की पूजा विधि
- स्नान और संकल्प: इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें कि आप इस व्रत को पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए कर रही हैं।
- शिव-पार्वती पूजन: एक साफ जगह पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा में जल, फल, फूल, चंदन, अक्षत, और धूप का उपयोग करें। माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं।
- व्रत कथा का पाठ या श्रवण: व्रत कथा सुनना या पढ़ना भी इस पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। व्रत कथा से इस व्रत का महत्व और इसकी महिमा समझ में आती है। कथा में भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह और व्रत की महिमा का वर्णन होता है।
- संध्या पूजन और आरती: शाम के समय पूजा स्थल को फिर से सजाएं और दीप जलाकर आरती करें। पति के लिए सुख-समृद्धि और लंबी उम्र की प्रार्थना करें।
- अन्न का त्याग: इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती हैं और अन्न का सेवन नहीं करती हैं। शाम को पूजा संपन्न करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
सौभाग्य सुंदरी तीज के नियम और पालन
- इस दिन विवाहित महिलाएं निराहार व्रत रखती हैं।
- व्रत के दौरान श्रृंगार करना और नए वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- इस दिन किसी प्रकार का विवाद या नकारात्मक सोच से दूर रहना चाहिए।
- पूजन और व्रत के दौरान पूरी श्रद्धा और भक्ति का पालन करना आवश्यक होता है।
सौभाग्य सुंदरी तीज का फल और लाभ
सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत करने से महिलाओं को कई लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:
- पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद।
- घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास।
- भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से दांपत्य जीवन में मधुरता और प्रेम बना रहता है।
- महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सौभाग्य सुंदरी तीज एक विशेष पर्व है जो महिलाओं को अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर देता है। यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पति-पत्नी के संबंधों में प्रेम और समर्पण को भी बढ़ावा देता है।






