
Shri Shani Dev 108 Names
- श्रीकरः – श्रीकरण करने वाले
- श्रीवत्सकृत – श्रीवत्स चिह्न धारण करने वाले
- रुद्रः – रुद्ररूप धारण करने वाले
- लोहिताङ्गः – लोहित (लाल) रंग वाले
- पिप्पलीध्वजः – पिप्पली के झंडे वाले
- अयुपतिः – यमराज के पति
- यमः – यमराज
- प्रभावः – प्रभावशाली
- सदाचारः – सदा धार्मिक
- शत्रुतापनः – शत्रुओं को डराने वाले
- वर्जितः – त्यागने वाले
- योगी – योगी
- ध्यानी – ध्यानमें लगे रहने वाले
- मैत्रेयः – मैत्रीपूर्ण
- मौनी – मौनव्रत धारण करने वाले
- दीर्घकालः – दीर्घकाल से
- भीमः – भीम
- शक्तिमान् – शक्तिमान
- धर्मप्रियः – धर्मप्रिय
- जितक्रोधः – क्रोध को जीतने वाले
- क्रूरः – क्रूर
- श्यामः – कृष्णरूप धारण करने वाले
- दक्षः – दक्ष
- क्षमामूर्तिः – क्षमा की मूर्ति
- देवादिदैत्यसंयुगः – देवताओं और दैत्यों के संग्राम में
- नियमप्रियः – नियमों का पालन करने वाले
- नित्यस्नानी – नित्य स्नान करने वाले
- द्विजप्रियः – ब्राह्मणों को पसंद करने वाले
- पितृकारकः – पितृकार्य करने वाले
- लोकनायकः – लोकों के नेता
- सौम्यः – सौम्य (कृपालु)
- चिन्तामणिः – चिन्तामणि (मनोकामनाओं को पूरा करने वाले)
- भूताधिपः – भूतों के स्वामी
- श्रीमान् – श्रीमान
- स्तुतः – प्रशंसा करने वाले
- सर्वसिद्धिदः – सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाले
- शुभकरः – शुभ कार्य करने वाले
- सर्वापद्विमोकणः – सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाने वाले
- विद्यारूपः – विद्या के रूप में
- माहेश्वरः – महेश्वर
- ग्रहाधिपः – ग्रहों के स्वामी
- शान्तः – शांत
- कालः – काल
- दुर्वादिभितापनः – दुर्वादियों को डराने वाले
- देवाधिदेवः – देवों के देव
- सर्वापतेर्मुखोत्तमः – सबके प्रधान मुख्य
- देवानुग्रहकारी – देवताओं के प्रति अनुग्रहकारी
- वर्णरूपः – वर्णों के रूप में
- सर्वलोकसौख्यदः – सभी लोकों को सुख प्रदान करने वाले
- पूषणः – पूषण
- सर्ववासाय – सभी वासस्थल
- ग्रामवासाय – ग्राम (सेतु) के निवासी
- प्रियः – प्रिय
- अमराधिदेवः – अमरों के देवता
- सर्वकामफलप्रदः – सभी कामों के फल को प्रदान करने वाले
- सर्वजनस्य जगतां पतिः – सभी लोगों के जगत के पति
- भूतपितरि – भूतों के पिता
- सर्वापतेर्जगदादिकृत् – सबके प्रधान और जगदादिकारण
- शिवप्रियः – शिव के प्रिय
- सर्वलोकप्रियः – सभी लोगों के प्रिय
- अक्षराधिपः – अक्षरों के स्वामी
- विग्रहस्वामी – विग्रहों के मालिक
- सर्वभूतान्तरात्मा – सभी जीवों के आत्मा
- विश्वरूपः – विश्वरूप
- विराट्स्वरूपः – विराट्स्वरूप
- सर्वेषां सर्वभूतानां सर्वभूतात्मवाचकः – सभी भूतों के आत्मा कहलाने वाले
- सर्वेषां सर्वजीवानां सर्वजीवात्मवाचकः – सभी जीवों के आत्मा कहलाने वाले
- सर्वेषां सर्वात्मज्ञानकारी – सभी को आत्मज्ञान कराने वाले
- सर्वेषां सर्वसिद्धिदः – सभी को सिद्धि प्रदान करने वाले
- सर्वेषां सर्वसौख्यकारी – सभी को सुख प्रदान करने वाले
- सर्वेषां सर्वरूपः – सभी के सभी रूपों के
- सर्वेषां सर्ववित् – सभी को सर्वज्ञ
- सर्वेषां सर्वेष्टः – सभी को सर्वाधिक प्रिय
- सर्वेषां सर्वसिद्धयर्थं च सर्वदुःखविनाशनः – सभी की सिद्धि और सभी दुखों का नाश करने वाले
- सर्वेषां सर्वापद्विमोकणाय – सभी को सभी संकटों से मुक्ति के लिए
- सर्वेषां सर्ववर्णभावकः – सभी के सभी वर्णों के भाव करने वाले
- सर्वेषां सर्वलोकपितृपितामहादिदेवतापूजकः – सभी लोगों के पिता, पितामह और देवताओं की पूजा करने वाले
- सर्वेषां सर्ववृद्धिदायकः – सभी की वृद्धि करने वाले
- सर्वेषां सर्वधनप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी धन प्राप्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वदुरितक्षयार्थं च – सभी के सभी दुरितों का नाश करने वाले
- सर्वेषां सर्वबलप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी बल प्राप्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वविद्याप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी विद्या प्राप्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वसंपत्तिप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी संपत्ति प्राप्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वमृत्युप्राप्तयर्थं च – सभी को मृत्यु का प्राप्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वभाग्यप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी भाग्य प्राप्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वसर्वकारणाधिष्ठानाय – सभी के सभी कारणों की आधिष्ठानता के लिए
- सर्वेषां सर्ववस्तुसर्वस्तोत्रस्वरूपः – सभी वस्तुओं के स्तोत्र स्वरूप
- सर्वेषां सर्वापद्बिमोक्षणाय – सभी को सभी संकटों से मुक्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वधर्मार्थसाधकः – सभी धर्म और अर्थ का साधन करने वाले
- सर्वेषां सर्वधर्मस्वरूपः – सभी के सभी धर्मों के स्वरूप
- सर्वेषां सर्वकर्मस्वरूपः – सभी के सभी कार्यों के स्वरूप
- सर्वेषां सर्वविग्रहाधिपः – सभी के सभी विग्रहों के स्वामी
- सर्वेषां सर्वसिद्धिप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी सिद्धियों का प्राप्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वजनस्य सर्वजीवस्य – सभी लोगों और सभी जीवों के
- सर्वेषां सर्वसाक्षात्कारिणां सर्वसाधकः – सभी के सभी साक्षात्कार करने वालों के और सभी साधना करने वालों के
- सर्वेषां सर्वमुक्तयर्थं च – सभी को सभी के लिए मुक्ति के लिए
- सर्वेषां सर्वजनस्य सर्वजीवानां सर्वजीवात्मवाचकः – सभी के सभी लोगों और सभी जीवों के आत्मा कहलाने वाले
- सर्वेषां सर्वसिद्धिकारः – सभी के सभी सिद्धियों का हकदार
- सर्वेषां सर्वसौख्यदायकः – सभी को सुख प्रदान करने वाले
- सर्वेषां सर्वलक्षणसंयुतः – सभी के सभी लक्षणों से युक्त
- सर्वेषां सर्वरूपाय – सभी के सभी रूपों को
- सर्वेषां सर्वस्वरूपाय – सभी के सभी स्वरूपों को
- सर्वेषां सर्वधर्मस्वरूपाय – सभी के सभी धर्मों के स्वरूप
- सर्वेषां सर्वकर्मस्वरूपाय – सभी के सभी कार्यों के स्वरूप
- सर्वेषां सर्वविग्रहस्वरूपाय – सभी के सभी विग्रहों के स्वरूप
- सर्वेषां सर्वसिद्धिस्वरूपाय – सभी के सभी सिद्धियों के स्वरूप
- सर्वेषां सर्वज्ञस्वरूपाय – सभी के सभी ज्ञान के स्वरूप
- सर्वेषां सर्वापद्विमोक्षणस्वरूपाय – सभी के सभी संकटों से मुक्ति के स्वरूप