shri-shani-108-naam

Shri Shani 108 Names

  1. श्रीकरः – श्रीकरण करने वाले
  2. श्रीवत्सकृत – श्रीवत्स चिह्न धारण करने वाले
  3. रुद्रः – रुद्ररूप धारण करने वाले
  4. लोहिताङ्गः – लोहित (लाल) रंग वाले
  5. पिप्पलीध्वजः – पिप्पली के झंडे वाले
  6. अयुपतिः – यमराज के पति
  7. यमः – यमराज
  8. प्रभावः – प्रभावशाली
  9. सदाचारः – सदा धार्मिक
  10. शत्रुतापनः – शत्रुओं को डराने वाले
  11. वर्जितः – त्यागने वाले
  12. योगी – योगी
  13. ध्यानी – ध्यानमें लगे रहने वाले
  14. मैत्रेयः – मैत्रीपूर्ण
  15. मौनी – मौनव्रत धारण करने वाले
  16. दीर्घकालः – दीर्घकाल से
  17. भीमः – भीम
  18. शक्तिमान् – शक्तिमान
  19. धर्मप्रियः – धर्मप्रिय
  20. जितक्रोधः – क्रोध को जीतने वाले
  21. क्रूरः – क्रूर
  22. श्यामः – कृष्णरूप धारण करने वाले
  23. दक्षः – दक्ष
  24. क्षमामूर्तिः – क्षमा की मूर्ति
  25. देवादिदैत्यसंयुगः – देवताओं और दैत्यों के संग्राम में
  26. नियमप्रियः – नियमों का पालन करने वाले
  27. नित्यस्नानी – नित्य स्नान करने वाले
  28. द्विजप्रियः – ब्राह्मणों को पसंद करने वाले
  29. पितृकारकः – पितृकार्य करने वाले
  30. लोकनायकः – लोकों के नेता
  31. सौम्यः – सौम्य (कृपालु)
  32. चिन्तामणिः – चिन्तामणि (मनोकामनाओं को पूरा करने वाले)
  33. भूताधिपः – भूतों के स्वामी
  34. श्रीमान् – श्रीमान
  35. स्तुतः – प्रशंसा करने वाले
  36. सर्वसिद्धिदः – सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाले
  37. शुभकरः – शुभ कार्य करने वाले
  38. सर्वापद्विमोकणः – सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाने वाले
  39. विद्यारूपः – विद्या के रूप में
  40. माहेश्वरः – महेश्वर
  41. ग्रहाधिपःग्रहों के स्वामी
  42. शान्तः – शांत
  43. कालः – काल
  44. दुर्वादिभितापनः – दुर्वादियों को डराने वाले
  45. देवाधिदेवः – देवों के देव
  46. सर्वापतेर्मुखोत्तमः – सबके प्रधान मुख्य
  47. देवानुग्रहकारी – देवताओं के प्रति अनुग्रहकारी
  48. वर्णरूपः – वर्णों के रूप में
  49. सर्वलोकसौख्यदः – सभी लोकों को सुख प्रदान करने वाले
  50. पूषणः – पूषण
  51. सर्ववासाय – सभी वासस्थल
  52. ग्रामवासाय – ग्राम (सेतु) के निवासी
  53. प्रियः – प्रिय
  54. अमराधिदेवः – अमरों के देवता
  55. सर्वकामफलप्रदः – सभी कामों के फल को प्रदान करने वाले
  56. सर्वजनस्य जगतां पतिः – सभी लोगों के जगत के पति
  57. भूतपितरि – भूतों के पिता
  58. सर्वापतेर्जगदादिकृत् – सबके प्रधान और जगदादिकारण
  59. शिवप्रियः – शिव के प्रिय
  60. सर्वलोकप्रियः – सभी लोगों के प्रिय
  61. अक्षराधिपः – अक्षरों के स्वामी
  62. विग्रहस्वामी – विग्रहों के मालिक
  63. सर्वभूतान्तरात्मा – सभी जीवों के आत्मा
  64. विश्वरूपः – विश्वरूप
  65. विराट्स्वरूपः – विराट्स्वरूप
  66. सर्वेषां सर्वभूतानां सर्वभूतात्मवाचकः – सभी भूतों के आत्मा कहलाने वाले
  67. सर्वेषां सर्वजीवानां सर्वजीवात्मवाचकः – सभी जीवों के आत्मा कहलाने वाले
  68. सर्वेषां सर्वात्मज्ञानकारी – सभी को आत्मज्ञान कराने वाले
  69. सर्वेषां सर्वसिद्धिदः – सभी को सिद्धि प्रदान करने वाले
  70. सर्वेषां सर्वसौख्यकारी – सभी को सुख प्रदान करने वाले
  71. सर्वेषां सर्वरूपः – सभी के सभी रूपों के
  72. सर्वेषां सर्ववित् – सभी को सर्वज्ञ
  73. सर्वेषां सर्वेष्टः – सभी को सर्वाधिक प्रिय
  74. सर्वेषां सर्वसिद्धयर्थं च सर्वदुःखविनाशनः – सभी की सिद्धि और सभी दुखों का नाश करने वाले
  75. सर्वेषां सर्वापद्विमोकणाय – सभी को सभी संकटों से मुक्ति के लिए
  76. सर्वेषां सर्ववर्णभावकः – सभी के सभी वर्णों के भाव करने वाले
  77. सर्वेषां सर्वलोकपितृपितामहादिदेवतापूजकः – सभी लोगों के पिता, पितामह और देवताओं की पूजा करने वाले
  78. सर्वेषां सर्ववृद्धिदायकः – सभी की वृद्धि करने वाले
  79. सर्वेषां सर्वधनप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी धन प्राप्ति के लिए
  80. सर्वेषां सर्वदुरितक्षयार्थं च – सभी के सभी दुरितों का नाश करने वाले
  81. सर्वेषां सर्वबलप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी बल प्राप्ति के लिए
  82. सर्वेषां सर्वविद्याप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी विद्या प्राप्ति के लिए
  83. सर्वेषां सर्वसंपत्तिप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी संपत्ति प्राप्ति के लिए
  84. सर्वेषां सर्वमृत्युप्राप्तयर्थं च – सभी को मृत्यु का प्राप्ति के लिए
  85. सर्वेषां सर्वभाग्यप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी भाग्य प्राप्ति के लिए
  86. सर्वेषां सर्वसर्वकारणाधिष्ठानाय – सभी के सभी कारणों की आधिष्ठानता के लिए
  87. सर्वेषां सर्ववस्तुसर्वस्तोत्रस्वरूपः – सभी वस्तुओं के स्तोत्र स्वरूप
  88. सर्वेषां सर्वापद्बिमोक्षणाय – सभी को सभी संकटों से मुक्ति के लिए
  89. सर्वेषां सर्वधर्मार्थसाधकः – सभी धर्म और अर्थ का साधन करने वाले
  90. सर्वेषां सर्वधर्मस्वरूपः – सभी के सभी धर्मों के स्वरूप
  91. सर्वेषां सर्वकर्मस्वरूपः – सभी के सभी कार्यों के स्वरूप
  92. सर्वेषां सर्वविग्रहाधिपः – सभी के सभी विग्रहों के स्वामी
  93. सर्वेषां सर्वसिद्धिप्राप्तयर्थं च – सभी को सभी सिद्धियों का प्राप्ति के लिए
  94. सर्वेषां सर्वजनस्य सर्वजीवस्य – सभी लोगों और सभी जीवों के
  95. सर्वेषां सर्वसाक्षात्कारिणां सर्वसाधकः – सभी के सभी साक्षात्कार करने वालों के और सभी साधना करने वालों के
  96. सर्वेषां सर्वमुक्तयर्थं च – सभी को सभी के लिए मुक्ति के लिए
  97. सर्वेषां सर्वजनस्य सर्वजीवानां सर्वजीवात्मवाचकः – सभी के सभी लोगों और सभी जीवों के आत्मा कहलाने वाले
  98. सर्वेषां सर्वसिद्धिकारः – सभी के सभी सिद्धियों का हकदार
  99. सर्वेषां सर्वसौख्यदायकः – सभी को सुख प्रदान करने वाले
  100. सर्वेषां सर्वलक्षणसंयुतः – सभी के सभी लक्षणों से युक्त
  101. सर्वेषां सर्वरूपाय – सभी के सभी रूपों को
  102. सर्वेषां सर्वस्वरूपाय – सभी के सभी स्वरूपों को
  103. सर्वेषां सर्वधर्मस्वरूपाय – सभी के सभी धर्मों के स्वरूप
  104. सर्वेषां सर्वकर्मस्वरूपाय – सभी के सभी कार्यों के स्वरूप
  105. सर्वेषां सर्वविग्रहस्वरूपाय – सभी के सभी विग्रहों के स्वरूप
  106. सर्वेषां सर्वसिद्धिस्वरूपाय – सभी के सभी सिद्धियों के स्वरूप
  107. सर्वेषां सर्वज्ञस्वरूपाय – सभी के सभी ज्ञान के स्वरूप
  108. सर्वेषां सर्वापद्विमोक्षणस्वरूपाय – सभी के सभी संकटों से मुक्ति के स्वरूप