
बैसाखी (या वैसाखी) न केवल एक कृषि पर्व है, बल्कि यह धार्मिक जागृति, सांस्कृतिक उत्सव, और आध्यात्मिक चेतना का अद्वितीय संगम है। यह हर वर्ष 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है — जिसे मेष संक्रांति भी कहा जाता है।
वैदिक दृष्टिकोण से बैसाखी
वैदिक पंचांग के अनुसार यह दिन वैसाख मास की संक्रांति तिथि को आता है, और इसे पुण्य काल माना जाता है। इस दिन किया गया स्नान, दान और जप हजार गुना फलदायक होता है।
“स्नानं दानं जपं होमं संक्रान्त्यां पुण्यमुच्यते।”
प्रातःकाल गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्य और विष्णु जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
बैसाखी और ज्योतिषीय महत्त्व
- सूर्य का मेष राशि में प्रवेश “सौर नववर्ष” की शुरुआत का प्रतीक है।
- यह नव ऋतु का आरंभ है — जो साधना और सेवा के लिए आदर्श समय है।
- नव संकल्पों और नव ऊर्जा से जीवन में बदलाव लाने का समय है।
खालसा पंथ की स्थापना
1699 में श्री आनंदपुर साहिब में गुरु गोबिंद सिंह जी ने बैसाखी के दिन पांच प्यारों का चयन कर खालसा पंथ की स्थापना की थी।
“वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह!”
बैसाखी पर करने योग्य विशेष कार्य
- गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें।
- सूर्य को जल अर्पण करें और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।
- श्री हरि विष्णु की पूजा करें, तुलसी दल अर्पित करें।
- गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें।
- गुरुद्वारे जाएँ, गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ सुनें।
- संकल्प लें – जैसे सेवा, संयम, या किसी व्यसन का त्याग।
बैसाखी पर विशेष मंत्र
- ॐ सूर्याय नमः – सूर्य को अर्घ्य देने के समय जपें।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय – श्री विष्णु पूजा में जपें।
- वाहे गुरु सतनाम श्री वाहे गुरु – गुरबानी के साथ मन एकाग्र करें।
बैसाखी विशेष भोग और प्रसाद
- केसरिया खीर
- सादा कढ़ी-चावल
- पंजीरी
- गुड़ और गेहूं से बने पारंपरिक पकवान
बैसाखी का आध्यात्मिक संदेश
बैसाखी हमें सिखाता है कि:
- हर फसल मेहनत और धैर्य का फल है।
- आध्यात्मिक जीवन भी खेती जैसा है – जप, तप और सेवा से मन के खेत में शांति और ज्ञान उगता है।
- धर्म, करुणा और समानता ही समाज का आधार हैं।
बैसाखी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मा को नव ऊर्जा से भर देने वाला धार्मिक उत्सव है। यह हमें सत्कर्म, सेवा, और समानता की ओर अग्रसर करता है। आइए इस पावन अवसर पर हम सभी प्रार्थना करें:
“हे प्रभु! हमें धर्म और सत्य की राह पर चलने की शक्ति दें।
हमारी मेहनत को सफल करें और समस्त विश्व में शांति और समृद्धि फैलाएं।”






