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Akshay Navami

हिंदू धर्म में अक्षय नवमी (Akshay Navami) को अक्षय तृतीया जितना ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।
पश्चिम बंगाल में इस दिन को जगद्धात्री पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा भी की जाती है।

अक्षय नवमी (Akshay Navami) हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।
इस दिन सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। जैसा कि नाम से पता चलता है, अक्षय नवमी के दिन कार्य करने से व्यक्ति को अनंत लाभ मिलते हैं।

अक्षय का अर्थ है अमरता, जो कभी नष्ट न हो। मान्यता है कि अक्षय नवमी (Akshay Navami) के दिन ही सत्य योग की शुरुआत हुई थी।
इसलिए अक्षय नवमी के दिन को सत्य युगादि के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि सभी प्रकार के दान कार्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष पर निवास करते हैं।
इसीलिए अक्षय तृतीया पर आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।

अक्षय नवमी की पूजा विधि

आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।
ऐसे में उस दिन जल में कच्चा दूध मिलाकर आंवले के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं। फूल, माला, सिन्दूर, अक्षत आदि भी चढ़ाएं।
पेड़ के ऊपर पेड़ के तने के चारों ओर आठ बार कच्चा सूत या मौली लपेटें। पूजा के बाद व्रत कथा सुनें।
इस दिन पूरे परिवार के साथ किसी पेड़ के नीचे बैठकर सात्विक भोजन करना बहुत शुभ माना जाता है।

आंवला नवमी के बारे में यह एक मिथक है

कि इस दिन दान का फल अक्षय होता है। यानि कि इस दिन दान या पुण्य करने से उसका फल कभी नष्ट नहीं होता।

ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से पूर्णिमा के दिन तक आंवले के पेड़ पर निवास करते हैं।
ऐसे में अगर लोग इस दौरान आंवले के पेड़ की पूजा करें और उसकी छाया में रहें तो उनकी सभी चिंताएं दूर हो जाएंगी।
इसलिए आंवला नवमी में आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करना एक अच्छा शगुन माना जाता है। इससे देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।

करे आंवले के ये 5 उपाय

पापों से मुक्ति

वैसे तो अक्षय नवमी (Akshay Navami) के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करना बहुत फलदायी होता है, लेकिन दोनों पक्षों की एकादशियों पर इसका प्रयोग भी बहुत शुभ होता है।
जो लोग एकादशी के दिन जल में आंवले का रस मिलाकर स्नान करते हैं उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

गरीबों के लिए भोजन

अक्षय नवमी (Akshay Navami) के दिन आंवले के पेड़ के नीचे गरीबों को भोजन कराना बहुत शुभ माना जाता है।
जो लोग ये उपाय करते हैं उन्हें कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती।

आंवले का दान

अक्षय नवमी (Akshay Navami) पर आंवले का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
इस प्रकार व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होगी तथा जीवन की सभी चिंताएं दूर हो जाएंगी।

पौधरोपण

अक्षय नवमी (Akshay Navami) के दिन अपने घर के आसपास आंवले का पौधा लगाना भी बहुत शुभ माना जाता है।
इससे आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाएगी और घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। ऐसा माना जाता है कि घर के पास आंवले का पेड़ आपके परिवार को बुरी नजरों से बचाता है।
क्योंकि यह पौधा सारी नकारात्मक ऊर्जा को खुद ही सोख लेता है।

देवी लक्ष्मी की पूजा

आंवले की पूजा करने से न सिर्फ भगवान विष्णु की कृपा मिलती है बल्कि देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
एकादशी के दौरान भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उन्हें आंवला अर्पित किया जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में विष्णु जी खुशियां और मां लक्ष्मी धन लेकर पधारते हैं।