gopashtami

भारत में गाय को उच्च दर्जा प्राप्त है। धार्मिक कारणों से गाय को भी माता का दर्जा दिया गया है। इसी कारण से हिंदुओं की आस्था और विश्वास में गाय का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गाय की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग गोपाष्टमी (Gopashtami) की शाम को गाय की पूजा करते हैं उन्हें सुख, समृद्धि और खुशहाली मिलती है। गोपाष्टमी के दिन गाय की पूजा करने का विशेष महत्व है।

इस साल गोपाष्टमी (Gopashtami) उत्सव 20 नवंबर को सुबह 5 बजे शुरू होगा।  कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण ने छह वर्ष की उम्र में पहली बार गाय चराई थी। तभी से इस दिन को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इसका उल्लेख श्रीमद्भगवद्गीता में भी है।

गौभक्तों की क्या हैं मांगें?

कहा जाता है कि यह गोपाष्टमी (Gopashtami) उत्सव गोवर्धन लीला से संबंधित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार गाय को एक प्रकार का कामधेनु भी माना जाता है। वहाँ सभी देवता निवास करते हैं। इस बार गोपाष्टमी 20 नवंबर को है। इस साल देशभर के गौ भक्त गौपाष्टमी दिल्ली में मनाएंगे। वहां एक ही मांग की गई है कि गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए

ऐसी करे गाय की पूजा

मान्यता है कि गोपाष्टमी (Gopashtami) के दिन जब श्रीकृष्ण गाय चराने के लिए जंगल में गए थे तो गाय के सींग को सोने से सजाया गया था। गाय की पीठ पर तांबा लगाया गया। गाय के गले में घंटी लगाई गई और गाय के खुर में चांदी लगाई गई। कहा जाता है कि इस दिन पंचोपचार सहित 16 प्रकार की सामूहिक पूजा करने की परंपरा है। गोपाष्टमी (Gopashtami) के दिन गौ माता को फूलों से सजाना चाहिए और चंदन का तिलक लगाना चाहिए। इसके बाद गाय की पूजा करने के साथ ही उसे आटा, गुड़ और अन्य खाद्य सामग्री भी देनी चाहिए। इस दिन गाय के साथ श्रीकृष्ण की पूजा करने का भी विशेष महत्व है।

एक मान्यता यह भी

एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से सप्तमी तक भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगलियों में धारण करते हैं। गोपष्टमी कार्तिक शुक्ल अष्टमी के आठवें दिन मनाई जाती है जब इंद्र देव का अहंकार टूटा ओर वें श्रीकृष्ण के पास क्षमा मांगने आए, तभी से कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी (Gopashtami) का उत्सव मनाया जाता है

गोपाष्टमी के दिन दूध का करे दान 

गोपाष्टमी (Gopashtami) के दिन दूध का दान करना उत्तम होता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह और चंद्रदोष हो तो दूध का दान शुभ फल देता है।

गाय के चरणों की धूल को माथे पर लगाएं

गोपाष्टमी (Gopashtami) का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन गाय के शुभ चरणों की धूल माथे पर लगानी चाहिए और सूर्यास्त के समय गाय की पूजा भी करनी चाहिए। साथ ही दण्डवत प्रणाम भी करें। इससे जीवन में हमेशा सफलता की प्राप्ति हो सकती है। 

गोपाष्टमी के दिन गाय को खिलाएं चारा

गोपाष्टी गौ माता को समर्पित है। इसलिए इस दिन गाय या बछड़ों को हरा चारा खिलाना चाहिए। इसे बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि गाय को हरा चारा खिलाने से दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में आ रही सभी समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है।