
श्री भैरव देव जी आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और गौर देवी कृत सेवा॥
अर्थ: हे भैरव देव! आपकी जय हो, आपकी महिमा अपरंपार है। आप काली माता और गौर देवी के पूज्य हैं, जो आपकी सेवा में समर्पित रहती हैं।
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक।
भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक॥
अर्थ: आप संसार के पापों को नष्ट करने वाले हैं और दुःख रूपी महासागर से पार लगाने वाले हैं। अपने भक्तों को सुख प्रदान करने वाले हैं, और आपके पास भयंकर (उग्र) रूप है।
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी॥
अर्थ: आपका वाहन श्वान (कुत्ता) है और आपके हाथ में त्रिशूल है। आपकी महिमा असीमित है, आप सभी के भय को हरने वाले हैं।
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे।
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे॥
अर्थ: हे देव! आपकी सेवा के बिना कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता। जो भक्त चौमुख दीपक (चार मुख वाला दीपक) से आपकी पूजा करते हैं, उनके सारे दुःख समाप्त हो जाते हैं।
तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी।
कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी॥
अर्थ: आपको तेल और दही मिश्रित प्रसाद अर्पित किया जाता है। हे भैरव देव, कृपा कीजिए और अपने भक्तों की सहायता में विलंब मत कीजिए।
पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत।
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत॥
अर्थ: आपके पैरों में घुंघरू झनकते हैं और डमरू की आवाज गूंजती है। बटुकनाथ के रूप में आप बालक रूप में प्रकट होकर भक्तों के मन को प्रसन्न करते हैं।
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहे धरनीधर नर मनवांछित फल पावे॥
अर्थ: जो व्यक्ति श्रद्धा से बटुकनाथ जी की आरती गाता है, वह अपने मनोवांछित फलों को प्राप्त करता है और उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
आरती का महत्व
भक्ति और शक्ति का जागरण:
यह आरती भक्ति और आंतरिक शक्ति को जागृत करती है। भगवान भैरव के प्रति समर्पण और श्रद्धा से यह आरती गाने पर मन को शांति और दृढ़ता मिलती है।- पापों का नाश:
भगवान भैरव को पाप नाशक माना गया है। उनकी आरती करने से व्यक्ति के पूर्वजन्म और वर्तमान के पाप समाप्त हो जाते हैं। - भय और संकट से मुक्ति:
भगवान भैरव सभी प्रकार के भय, बुरे सपनों, अज्ञात संकटों और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने वाले हैं। यह आरती भयमुक्त जीवन प्रदान करती है। - सुख-समृद्धि और मनवांछित फल:
आरती करने से व्यक्ति की आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान होता है। यह सुख, समृद्धि और मनवांछित फल देने वाली मानी जाती है। - कर्म की सफलता:
भैरव देव की कृपा से सभी कार्य और योजनाएँ बिना किसी बाधा के पूर्ण होती हैं। नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:
यह आरती विशेष रूप से नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुओं के प्रभाव से बचाती है।
लाभ
आध्यात्मिक शांति:
भगवान भैरव की आरती गाने से आत्मा को शांति और शक्ति मिलती है।- संकट निवारण:
जीवन में आने वाले बड़े से बड़े संकट भैरव जी की कृपा से दूर हो जाते हैं। - धन और समृद्धि:
भगवान भैरव को तेल और दही का भोग लगाकर आरती करने से धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। - अधूरे कार्य पूरे होते हैं:
जो कार्य बार-बार अटक जाते हैं, वे भगवान भैरव की आरती करने से पूरे हो जाते हैं। - परिवार की सुरक्षा:
यह आरती परिवार की रक्षा करती है और घर को बुरी शक्तियों से मुक्त रखती है। मनोकामनाओं की पूर्ति:
भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। आरती गाने से भगवान भैरव अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं।






