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Budh Ashtami | बुध अष्टमी: ज्ञान और समृद्धि का व्रत, जानिए इस व्रत का महत्व और व्रत के लाभ | PDF

Budh Ashtami

बुध अष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो बुध ग्रह और भगवान बुद्ध को समर्पित है। यह व्रत तब मनाया जाता है जब अष्टमी तिथि (चंद्रमा के चक्र का 8वां दिन) बुधवार को पड़ती है।

इस व्रत का महत्व:

ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि: बुध ग्रह को ज्ञान और बुद्धि का ग्रह माना जाता है। इस व्रत को रखने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
सफलता और समृद्धि: बुध ग्रह व्यापार और वाणिज्य का भी कारक माना जाता है। इस व्रत को रखने से करियर में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
पापों का नाश: ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

व्रत की विधि:

  • सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें।
  • साफ कपड़े पहनें और भगवान बुद्ध और भगवान शिव की पूजा करें।
  • फल और पानी का व्रत रखें।
  • ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें।
  • शाम को सूर्यास्त के बाद व्रत तोड़ें।

बुध अष्टमी व्रत के लाभ (Benefits of Budh Ashtami Vrat):

बुध अष्टमी का व्रत न केवल शुभ माना जाता है बल्कि माना जाता है कि इससे कई लाभ प्राप्त होते हैं। आइए जानें बुध अष्टमी व्रत करने के कुछ प्रमुख लाभों के बारे में:

  • संचार कौशल में सुधार :

    बुध ग्रह संचार का भी कारक माना जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने और दूसरों को प्रभावी ढंग से समझाने में मदद मिलती है।

  • व्यवसाय में सफलता :

    बुध ग्रह व्यापार और वाणिज्य का भी कारक माना जाता है। इस व्रत को करने से व्यापार में सफलता, आर्थिक समृद्धि और लाभ प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।

  • मन की शांति :

    बुध अष्टमी के दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है, जो शांति और ज्ञान के प्रतीक हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति और सद्भाव प्राप्त होता है।

  • पापों से मुक्ति :

    कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति में सहायता मिलती है।

  • बुध ग्रह दोष का कम होना :

    जिन लोगों की जन्मपत्री में बुध ग्रह कमजोर होता है, उनके लिए बुध अष्टमी का व्रत रखना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और उसके अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।

इस व्रत के कुछ नियम:

  • व्रत के दौरान मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • क्रोध, लोभ और मोह से दूर रहना चाहिए।
  • दान-पुण्य करना चाहिए।
  • बुध अष्टमी का त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है। यह ज्ञान, बुद्धि, सफलता और समृद्धि प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर है।

आप इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मना सकते हैं और भगवान बुद्ध और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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