Kalaśtmī June 2024
कालाष्टमी एक हिन्दू धर्मीय त्योहार है जो भगवान शिव को समर्पित है। इसे हिन्दू कैलेंडर के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो रोहिणी नक्षत्र में होती है। इस त्योहार का महत्व पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से वर्णित है। श्रावण मास में यह त्योहार विशेष रूप से मनाया जाता है और इस माह की शिवलिंग पूजा के दौरान अधिक प्रसिद्ध होता है।
कालाष्टमी का महत्व:
कालाष्टमी का महत्व पुराणों में विविधता से वर्णित है। अनुसंधान के अनुसार, इस दिन को भगवान शिव की विशेष प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व दिया गया है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की कृपा से सभी पाप नष्ट होते हैं और भक्त की इच्छाओं की पूर्ति होती है। शिवलिंग की पूजा, व्रत, ध्यान, और मन्त्र जप इस दिन किए जाते हैं ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके।
कालाष्टमी की पूजा विधि:
- व्रत (उपवास): कालाष्टमी के दिन व्रत रखना शिव भक्ति में वृद्धि करता है। इस व्रत में भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान करें और शिवलिंग की स्थापना करें। फिर पूजा अर्चना के बाद, व्रती व्यक्ति नियमित रूप से जप और ध्यान करता है। दिन भर व्रत रखने के बाद, रात्रि को फलाहार कर व्रत खोलते हैं।
- शिवलिंग पूजा: कालाष्टमी के दिन शिवलिंग की पूजा करना विशेष महत्वपूर्ण है। इस पूजा में बिल्व पत्र, धातूरा, चन्दन, गंगा जल, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, और पुष्प उपयोग किए जाते हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक करना और मंत्रों का जप करना शिव की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
- जागरण: कालाष्टमी की रात्रि में शिवजी का जागरण करना भी प्रचलित है। भक्तगण रात्रि को जागरण करते हैं, शिवलिंग की पूजा करते हैं और शिव महिमा के गाने गाते हैं।
- ध्यान और मन्त्र जप: इस दिन शिवजी की ध्यान और मन्त्र जप करने से भक्त का मानसिक शांति और ध्यान बढ़ता है। शिव स्तोत्र, शिव महिमा स्तोत्रम्, रुद्राष्टकम्, इत्यादि भक्तगण इस दिन पढ़ते हैं।
कालाष्टमी के नियम और मर्यादाएँ:
- व्रत के दौरान संयम: व्रत रखने के दौरान व्यक्ति को निर्जला व्रत (निराहार व्रत) या फलाहार करना चाहिए। व्रती को मांस, मछली, अंडे, अजीर्ण आहार, और अशुद्ध आहार से बचना चाहिए।
- शुभ मुहूर्त का पालन: कालाष्टमी के दिन पूजा और अन्य कार्यों का शुभ मुहूर्त में करना लाभकारी होता है।
- ध्यान और समर्पण: व्रती को शिव के प्रति ध्यान, समर्पण और विशेष भक्ति रखनी चाहिए।
कालाष्टमी एक धार्मिक उत्सव होने के साथ-साथ एक आध्यात्मिक साधना भी है जो भक्त को भगवान शिव के साथ अधिक सम्पर्क में लाता है। यह त्योहार शक्ति और शांति का संचार करता है और भक्त को उसकी धार्मिक प्रकृति को समझने में मदद करता है।
कालाष्टमी की परंपराएँ:
कालाष्टमी का महत्व हिन्दू समाज में बहुत ऊँचा है। यह त्योहार विभिन्न भारतीय राज्यों में विशेष रूप से मनाया जाता है, जैसे कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, आदि। विभिन्न स्थानों पर इसे विशेष धूमधाम से मनाया जाता है और भक्तगण शिव की भक्ति में उत्साह और भावनाओं से भरे हुए होते हैं।
BhairavaBhairava chalisa in hindiKalashtamikalashtami 2024kalashtami in hindikalashtami june 2024kalashtami ki pooja vidhikalashtami kya hoti haimahadevshivji