Maa Chandraghanta Aarti
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम॥
सभी सुखों को प्रदान करने वाली चंद्रघंटा माता की जय हो। हे चंद्रघंटा माँ!! आप मेरे सभी बिगड़े हुए काम बना दीजिये।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती॥
अर्थ — चंद्रघंटा माता चंद्रमा के जैसे शीतल गुणों वाली हैं। वे हम सभी को शीतलता प्रदान करती हैं। वे चंद्रमा की किरणों में तेज रूप में समायी रहती हैं।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली॥
अर्थ — माँ चंद्रघंटा की कृपा से ही हमें अपना क्रोध शांत करने में सहायता मिलती है और हमारा स्वभाव मधुर बनता है। उन्हीं के प्रभाव से हम दूसरों को मीठे वचन बोलते हैं और प्रेम का संदेश फैलाते हैं।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो॥
अर्थ — आप हमारे मन की स्वामिनी हो जो हमारे मन को आनंद प्रदान करती हो। चंद्रघंटा माता हम सभी को वरदान देती हैं और हमारा उद्धार कर देती हैं।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली॥
अर्थ — चंद्रघंटा माता हमारे तन व मन को सुंदर व स्वच्छ बनाने का कार्य करती हैं। मां चंद्रघंटा हमारी हर प्रकार के संकट से रक्षा करने के लिए तत्पर रहती हैं।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता॥
अर्थ — जो भी बुधवार के दिन चंद्रघंटा माता का ध्यान करता है, श्रद्धाभाव के साथ उनके सामने याचना करता है, चंद्र आकार में जो उनकी मूर्ति को बनवाता है, उनकी मूर्ति के सामने घी का दीपक प्रज्ज्वलित करता है और मातारानी के चरणों में अपना सिर झुकाकर उनसे अपने मन की बात कहता है, चंद्रघंटा माँ उसके मन की हरेक इच्छा को पूरा कर देती हैं।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा॥
अर्थ — कांचीपुर में मातारानी का वास है और करनाटिका में उनके नाम की बहुत ज्यादा मान्यता है। भारत के तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम में मां चंद्रघंटा का बहुत ही विशाल मंदिर है जहाँ उनकी पूजा की जाती है।
नाम तेरा रटूं महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी॥
अर्थ — मैं हर समय चंद्रघंटा महारानी का नाम ही जपता रहता हूँ और अब चंद्रघंटा ही भवानी रूप में अपने भक्तों की रक्षा करेंगी।
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