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Maa Brahmacharini Aarti

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥

अर्थ — भगवान ब्रह्मा का आचरण करने वाली और ब्रह्म तत्व में लीन रहने वाली तथा अम्बा माता का ही रूप माता ब्रह्मचारिणी की जय हो। भगवान ब्रह्मा की जय हो। ब्रह्मचारिणी माता हम सभी को सुख प्रदान करती हैं और उनकी जय हो। ब्रह्मचारिणी माता भगवान ब्रह्मा को बहुत प्रिय हैं और उनके मन को आनंद प्रदान करती हैं। वे अपनी शक्ति से सभी प्राणियों को ज्ञान देती हैं। एक तरह से वे सरस्वती माता की भूमिका में भी हैं जो हमें ज्ञान प्रदान करती हैं।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता॥

अर्थ — ब्रह्मचारिणी माता हमेशा ही ब्रह्मा मंत्र का जाप करती रहती हैं और उसी में ही लीन रहती हैं। ब्रह्मा मंत्र का जाप हम सभी भी करते हैं जिससे हमारा उद्धार हो जाता है। ब्रह्मचारिणी ही गायत्री मंत्र व वेदों की माता हैं और उनके कारण ही इनकी उत्पत्ति संभव हो पायी है। हम सभी मन से ब्रह्मचारिणी देवी का ध्यान करते हैं और उनकी आराधना करते हैं।

कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो ​तेरी महिमा को जाने॥

अर्थ — हे माँ ब्रह्मचारिणी!! मेरी आपसे यही याचना है कि जो भी भक्तगण आपका ध्यान करे और आपकी महिमा का वर्णन करे, उसे किसी भी चीज़ की कमी ना हो, सभी प्रकार के दुःख उसके जीवन से चले जाएं और उसकी बुद्धि कभी भी भ्रष्ट ना हो। एक तरह से ब्रह्मचारिणी माता के भक्तों का कल्याण हो जाए और वे सुख के भागी बने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना॥

अर्थ — जो भी रुद्राक्ष की माला लेकर ब्रह्मचारिणी माता के नाम का जाप करता है, संपूर्ण श्रद्धा भाव के साथ ब्रह्मचारिणी मंत्र का जाप करता है और आलस्य का त्याग कर ब्रह्मचारिणी माता का गुणगान करता है, माँ उसे सभी प्रकार के सुख प्रदान करती हैं और उसका उद्धार कर देती हैं।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी॥

अर्थ — आपका नाम ब्रह्मचारिणी है और आप मेरे सभी तरह के काम बना देती हैं और उसमें आने वाली हर अड़चन को दूर कर देती हैं। हे माँ ब्रह्मचारिणी!! आपका यह भक्त आपके चरणों का ही ध्यान करता है और अब आप मेरे मान-सम्मान की रक्षा कीजिये।