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Shri Krishan Ji 108 Names

  1. कृष्ण – आकर्षित करने वाला, विश्व का प्राण, उसकी आत्मा।
  2. कमलनाथ – भगवान विष्णु, कमला के भगवान।
  3. वासुदेव – श्री कृष्ण के पिता, धन के भगवान।
  4. सनातन – शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त।
  5. वसुदेवात्मज – वासुदेव के पुत्र
  6. पुण्य – अति शुद्ध
  7. लीलामानुष विग्रह – मानव जाति को भूतकाल प्रदर्शन करने के लिए मान लेना
  8. श्रीवत्स कौस्तुभधराय – श्री वत्स और कौस्तुभ रत्न पहने
  9. यशोदावत्सल – माँ यशोदा का प्यारा बच्चा
  10. हरि – प्रकृति के भगवान
  11. चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा – चार भुजा शास्त्र धारण किये हुए।
  12. सङ्खाम्बुजा युदायुजाय – सुदर्शन-चक्र, एक तलवार, गदा, शंख-कमल, कमल का फूल, और विभिन्न वाटों को धारण करने वाले।
  13. देवाकीनन्दन – माता देवकी के पुत्र
  14. श्रीशाय – श्री (लक्ष्मी) का निवास
  15. नन्दगोप प्रियात्मज – नंदा गोप का प्यारा बच्चा
  16. यमुनावेगा संहार – यमुना नदी की गति को नष्ट करने वाला
  17. बलभद्र प्रियनुज – बलराम का छोटा भाई
  18. पूतना जीवित हर – राक्षसी पूतना को मारने वाले
  19. शकटासुर भञ्जन – दानव शकटासुर का संहारक
  20. नन्दव्रज जनानन्दिन – नंद और ब्रज के लोगों के लिए खुशी लाने वाला
  21. सच्चिदानन्दविग्रह – अस्तित्व, जागरूकता और आनंद का अवतार
  22. नवनीत विलिप्ताङ्ग – भगवान जिनका शरीर माखन से लिप्त हो।
  23. नवनीतनटन – मक्खन के लिए जो नाचते हैं।
  24. मुचुकुन्द प्रसादक – प्रभु ने मुचुकुन्द को धारण किया
  25. षोडशस्त्री सहस्रेश – 16,000 महिलाओं के प्रभु
  26. त्रिभङ्गी – तीन बल (गर्दन, कमर और पैर में) देकर खड़ा
  27. मधुराकृत – आकर्षक रूप
  28. शुकवागमृताब्दीन्दवे – सुकदेव (शुका) के अनुसार अमृत का महासागर
  29. गोविन्द – जो गायों, भूमि और संपूर्ण प्रकृति को प्रसन्न करता है।
  30. योगीपति – योगियों के भगवान
  31. वत्सवाटि चराय – बछड़ों की देखभाल, उन्हें चराने वाले
  32. अनन्त – अंतहीन भगवान
  33. धेनुकासुरभञ्जनाय – भगवान जो आस-दानव धेनुकासुर को हरा देते हैं
  34. तृणी-कृत-तृणावर्ताय – बवंडर दानव त्रिनवार्ता का संहार करने वाले
  35. यमलार्जुन भञ्जन – अर्जुन भगवान नारा के अवतार थे जो भगवान विष्णु के सबसे अच्छे दोस्त थे।
  36. उत्तलोत्तालभेत्रे – धेनुका का संहार करने वाले
  37. तमाल श्यामल कृता – उनका शरीर तामला के पेड़ की तरह है, बहुत ही काला।
  38. गोप गोपीश्वर – गोपी और गोपियों का भगवान
  39. योगी – योगियों में श्रेष्ठ; महान योगी
  40. कोटिसूर्य समप्रभा – एक लाख सूर्य के रूप में चमकने वाले।
  41. इलापति – जो ज्ञान के स्वामी हैं।
  42. परंज्योतिष – परम ज्योति – पूर्ण प्रकाश
  43. यादवेंद्र – यादव वंश के भगवान
  44. यदूद्वहाय – यदुओं का नेता
  45. वनमालिने – एक चांदी की माला पहने हुए
  46. पीतवससे – पीले वस्त्र पहने हुए।
  47. पारिजातापहारकाय – पारिजात फूल
  48. गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे – गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली से उठाने वाले।
  49. गोपाल – गायों के रक्षक।
  50. सर्वपालकाय – सभी जीवों के रक्षक
  51. अजाय – जीवन और मृत्यु के विजेता
  52. निरञ्जन – निष्कलंक भगवान
  53. कामजनक – सांसारिक मन में एक उत्पन्न करने वाली इच्छाएँ
  54. कञ्जलोचनाय – सुंदर आंखों वाले
  55. मधुघ्ने – दानव मधु के संहारक
  56. मथुरानाथ – मथुरा के भगवान
  57. द्वारकानायक – द्वारका के नायक
  58. बलि – शक्ति के भगवान
  59. बृन्दावनान्त सञ्चारिणे – वृंदावन के बाहरी इलाकों के बारे में
  60. तुलसीदाम भूषनाय – तुलसी माला धारण किये हुए
  61. स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे – जिन्होंने स्यामंतका गहना का विनियोजन किया
  62. नरनारयणात्मकाय – नारा-नारायण
  63. कुब्जा कृष्णाम्बरधराय –
  64. मायिने – जादूगर, माया के भगवान
  65. परमपुरुष – सर्वोच्च
  66. मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय – संसारवासी
  67. संसारवैरी – भौतिक अस्तित्व के दुश्मन
  68. कंसारिर – राजा कंस के शत्रु
  69. मुरारी – दानव मुरा के दुश्मन
  70. नाराकान्तक – दानव नरका का संहार करने वाले
  71. अनादि ब्रह्मचारिक – जिसकी सीमा न हो; जिसका आदि न हो; जिसका आदि या आरंभ न हो। जो सदा से बना चला आ रहा हो।
  72. कृष्णाव्यसन कर्शक – द्रौपदी के संकट का निवारण
  73. शिशुपालशिरश्छेत्त – शिशुपाल का सिर धड़ से अलग करने वाले
  74. दुर्यॊधनकुलान्तकृत – दुर्योधन के राजवंश का विनाशक
  75. विदुराक्रूर वरद – दानव नरका का संहार करनेवाला
  76. विश्वरूपप्रदर्शक – विश्वरूपा का प्रकटीकरण (सार्वभौमिक रूप)
  77. सत्यवाचॆ – सत्य बोलने वाला
  78. सत्य सङ्कल्प – सच्चे संकल्प के भगवान
  79. सत्यभामारता – सत्यभामा के प्रेमी
  80. जयी – हमेशा विजयी भगवान
  81. सुभद्रा पूर्वज – सुभद्रा के भाई
  82. विष्णु – भगवान विष्णु
  83. भीष्ममुक्ति प्रदायक – भीष्म को मोक्ष दिलाने वाले
  84. जगद्गुरू – ब्रह्मांड के पूर्वदाता
  85. जगन्नाथ – ब्रह्मांड के भगवान
  86. वॆणुनाद विशारद – बांसुरी संगीत के बजाने में एक विशेषज्ञ
  87. वृषभासुर विध्वंसि – दानव वृषासुर के संहारक
  88. बाणासुर करान्तकृत – भगवान जिन्होंने बनसुरा के शस्त्रों को जीत लिया
  89. युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे – युधिष्ठिर को एक राजा के रूप में स्थापित करने वाले
  90. बर्हिबर्हावतंसक – मोर पंख सजाये हुए
  91. पार्थसारथी – अर्जुन के रथ चालक
  92. अव्यक्त – अनभिव्यक्‍त
  93. गीतामृत महोदधी – भगवद्गीता का अमृत युक्त एक महासागर
  94. कालीयफणिमाणिक्य रञ्जित श्रीपदाम्बुज – भगवान जिनके कमल के पैर कालिया नाग के हुड से रत्न धारण करते हैं
  95. दामॊदर – कमर में एक रस्सी के साथ बंधे
  96. यज्ञभोक्त – यज्ञ और तपों का भोक्ता और सम्पूर्ण लोकों का महान् ईश्वर तथा भूतमात्र का सुहृद् (मित्र
  97. दानवॆन्द्र विनाशक – असुरों के भगवान का नाश करने वाला
  98. नारायण – जो भगवान विष्णु है
  99. परब्रह्म – परम ब्रह्म
  100. पन्नगाशन वाहन – जिसका वाहक (गरुड़) देवराज सर्प है
  101. जलक्रीडा समासक्त गॊपीवस्त्रापहाराक – भगवान जो गोपी के कपड़े छिपाते थे जबकि वे यमुना नदी में खेलते थे
  102. पुण्य श्लॊक – प्रभु किसकी स्तुति करता है श्रेष्ठ गुणगान करता है
  103. तीर्थकरा – पवित्र स्थानों के निर्माता
  104. वॆदवॆद्या – वेदों का स्रोत
  105. दयानिधि – करुणा का खजाना
  106. सर्वभूतात्मका – तत्वों की आत्मा
  107. सर्वग्रहरुपी – सम्पूर्णता
  108. परात्पराय – महानतम से महान