Jagannath rath yatra 2024

Jagannath Rath Yatra 2024

जगन्नाथ रथयात्रा, जो हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार अषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है, इस साल 7 जुलाई 2024 को पड़ रही है। इस त्योहार का महत्व विशेष होता है क्योंकि इस दिन भगवान जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है, जिसे लोग बड़े श्रद्धा और उत्साह से मनाते हैं।

भगवान कृष्ण और बलराम मथुरा की ओर रथ यात्रा:

मान्यता है कंस ने भगवान कृष्ण और उनके भाई बलराम को मारने के लिए उन्हें मथुरा आमंत्रित किया था। उन्होंने अक्रूर को गोकुल भेजकर रथ के साथ भगवान कृष्ण और बलराम को मथुरा ले जाने को कहा था। इस प्रस्थान के दिन को भक्त रथ यात्रा के रूप में मनाते हैं, जहां भगवान रथ पर बैठे मथुरा की ओर निकल पड़े।

  1. इस दिन लोग अपनी भक्ति और श्रद्धा के साथ रथयात्रा में भाग लेते हैं और रथ को धार्मिक संस्कारों के साथ मंदिर से लेकर सड़कों पर चलाते हैं। इसके साथ ही भजन-कीर्तन किया जाता है और धार्मिक पर्व का आनंद लिया जाता है।
  2. इस दिन को ध्यान में रखते हुए, जगन्नाथ रथयात्रा में भाग लेने से धार्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति का अनुभव होता है।
  3. इस दिन को ध्यान में रखते हुए, लोग अपनी भक्ति और श्रद्धा के साथ रथयात्रा में भाग लेते हैं और रथ को धार्मिक संस्कारों के साथ मंदिर से लेकर सड़कों पर चलाते हैं।

आषाढ़ जगन्नाथ रथयात्रा का महत्व:

  1. जगन्नाथ रथयात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ की यात्रा का पर्व है। यह पर्व वाराणसी, पुरी, द्वारका, नासिक, मथुरा और आदि जगहों में मनाया जाता है।
  2. इसे ‘अशाढ़ शुक्ल द्वादशी' को मनाया जाता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार जुलाई महीने में आता है।
  3. इस दिन भगवान जगन्नाथ के रथ को भगवान की आराधना और पूजा के साथ जगह-जगह से निकालकर मंदिर से सड़कों पर ले जाया जाता है।
  4. इस रथयात्रा में लाखों भक्त भाग लेते हैं, जो रथ को धार्मिक संस्कारों और भजन-कीर्तन के साथ चलाते हैं। इस पर्व का महत्व है कि इसे मनाने से भक्त अपने जीवन में शांति, समृद्धि और धार्मिक सुधार प्राप्त करते हैं।

पुरी जगन्नाथ रथयात्रा का प्रमुख स्थल:

जगन्नाथ रथयात्रा भारत के ओडिशा राज्य के पुरी नगर में सबसे बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यहां पर लाखों श्रद्धालु और पर्यटक भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को देखने आते हैं।

जगन्नाथ रथयात्रा के दिन किए जाने वाले कार्यक्रम:

  1. रथ खींचना: भगवान जगन्नाथ के रथ को मंदिर से बाहर निकालें और सड़कों पर खींचें।
  2. भजन-कीर्तन: रथ के पीछे भजन-कीर्तन करें और भगवान की महिमा गाएं।
  3. धार्मिक पर्व मनाएं: रथयात्रा को धार्मिक उत्सव के रूप में मनाएं और भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति प्रकट करें।
  4. भोजन प्रसाद: रथयात्रा के दौरान विशेष प्रसाद का वितरण करें और समूह में भोजन का आनंद लें।
  5. भक्ति में समर्पण: इस दिन को भगवान के समर्पण और भक्ति में गुजारें, जो आपके जीवन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से संवर्द्धित कर सकता है।

जगन्नाथ रथयात्रा में ध्यान देने योग्य बातें:

  1. रथ के पीछे न दौड़ना: रथ के पीछे दौड़ना अथवा रथ के सामने आना यह धर्मिक आचरणा मान्यताओं के खिलाफ है और अपराध माना जाता है।
  2. रथ में हाथ से छूना: रथ को छूना या उस पर कुछ भी छिपकाना नहीं चाहिए। यह भगवान की निवासस्थली को पवित्र माना जाता है।
  3. अपमानजनक व्यवहार: इस पवित्र अवसर पर किसी के साथ व्यवहार में अपमानजनक या अनुचित व्यवहार नहीं करना चाहिए।
  4. भगवान का सम्मान करना: रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ का सम्मान और पूजन करना चाहिए, ध्यान रखना चाहिए कि यह एक धार्मिक और पवित्र पर्व है।

जगन्नाथ रथयात्रा के आचरण से प्राप्त लाभ:

  1. आध्यात्मिक उन्नति: इस यात्रा में भाग लेने से आत्मिक शुद्धि और उन्नति होती है।
  2. सामाजिक संबंध: यह यात्रा समाज में सामंजस्य और एकता को बढ़ाती है, लोग एक-दूसरे के साथ मिलजुलकर इसे मनाते हैं।
  3. कर्म का मार्गदर्शन: जगन्नाथ रथयात्रा कर्म का समर्थन करती है और धार्मिक साधना में सहायक होती है।
  4. भारतीय सांस्कृतिक विरासत: यह यात्रा हमें हमारी संस्कृति और धार्मिक विरासत के प्रति गर्व महसूस कराती है।