
लाभ पंचमी, जिसे सौभाग्य पंचमी, ग्यारा पंचमी या लाब पंचम भी कहा जाता है, दिवाली के त्योहार के पांचवें और अंतिम दिन के रूप में मनाई जाती है। विशेष रूप से गुजरात में, इस दिन का बहुत महत्व है क्योंकि यह शुभ कार्यों और नए आरंभों के लिए आदर्श दिन माना जाता है। व्यापारी वर्ग के लोग इस दिन को अपने नए व्यापारिक वर्ष का प्रारंभ मानते हैं और लाभ-हानि का हिसाब शुरू करते हैं। यह आर्थिक समृद्धि का दिन माना जाता है |
लाभ पंचमी का महत्व
लाभ पंचमी का शाब्दिक अर्थ है “लाभ” का दिन, जो लाभ प्राप्त करने और समृद्धि की कामना का प्रतीक है। इस दिन को विशेष रूप से व्यापार और आर्थिक समृद्धि का दिन माना जाता है, जिसमें लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी का पूजन करते हैं ताकि उनके व्यवसाय में प्रगति और संपन्नता आए।
लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त कब है?
2024 में लाभ पंचमी बुधवार, 6 नवंबर को पड़ रही है। लाभ पंचमी पूजा के लिए प्रातः काल का समय सुबह 6:45 बजे से 10:27 बजे तक है।
लाभ पंचमी की पूजा विधि
- घर और व्यापार स्थल की सफाई: सबसे पहले इस दिन घर और अपने व्यापार स्थल की सफाई की जाती है। इसे नए आरंभ का प्रतीक माना जाता है।
- पूजन सामग्री की तैयारी: पूजन के लिए फूल, धूप, दीप, रोली, चावल, मिठाई और फल एकत्र किए जाते हैं।
- गणेश-लक्ष्मी पूजन: इस दिन गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर उनका विधिवत पूजन किया जाता है। रोली से तिलक, चावल और फूल अर्पित किए जाते हैं। घी या तेल का दीपक जलाकर आरती की जाती है।
- नई खाता-बही का पूजन: व्यापारी वर्ग इस दिन अपने नए खाता-बही या अकाउंट बुक्स का पूजन करते हैं। इसे शुभता और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।
- लाभ मंत्र का जाप: कुछ लोग इस दिन लाभ प्राप्ति के लिए विशेष मंत्रों का जाप भी करते हैं, जैसे “श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मयै नमः”।
- पारिवारिक भोज और प्रसाद: पूजा के बाद परिवार के साथ प्रसाद का सेवन और विशेष भोज का आयोजन होता है।
लाभ पंचमी की परंपराएं
- व्यापारिक जगत में नई शुरुआत: व्यापारी इस दिन पुराने वर्ष का हिसाब-किताब समाप्त कर नए वर्ष का स्वागत करते हैं और लाभ के नए अवसरों की तलाश शुरू करते हैं।
- गुजरात में विशेष महत्व: गुजरात में लाभ पंचमी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। लोग इस दिन व्यापार और उद्योगों की स्थापना के लिए शुभ मानते हैं।
- सकारात्मकता और समृद्धि का स्वागत: इस दिन का उद्देश्य घर-परिवार और व्यापार में सकारात्मकता और समृद्धि लाना होता है।
लाभ पंचमी का महत्व और लाभ
लाभ पंचमी का दिन आर्थिक लाभ, व्यवसाय में वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा से व्यापारिक लाभ, सुख-शांति और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
लाभ पंचमी पर विशेष मंत्र
लाभ पंचमी के दिन देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते समय निम्न मंत्र का जाप लाभकारी माना जाता है:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मयै नमः।”
यह मंत्र आर्थिक समृद्धि और लाभ को आकर्षित करने का माना जाता है।