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नवरात्रि के आठवें दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप माँ महागौरी की पूजा की जाती है। माँ महागौरी को सौंदर्य, शांति और करुणा की देवी माना जाता है। उनका स्वरूप अत्यंत सुंदर और उज्ज्वल है। उनके पूजन से जीवन में पवित्रता, शांति और सुख की प्राप्ति होती है। महागौरी की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट और पाप समाप्त हो जाते हैं, और उन्हें सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
माँ महागौरी का स्वरूप
- वर्ण: माँ महागौरी का वर्ण (रंग) दूध के समान अत्यंत गोरा और उज्ज्वल है, जिसके कारण उन्हें “महागौरी” कहा जाता है।
- वस्त्र: माँ ने सफेद वस्त्र धारण किए हुए हैं, इसलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है।
- वाहन: उनका वाहन वृषभ (बैल) है, इसलिए उन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है।
- हाथों में अस्त्र: माँ महागौरी के चार हाथ हैं, जिनमें वे त्रिशूल, डमरू धारण किए हुए हैं और दो हाथों में अभय और वरद मुद्रा में हैं।
माँ महागौरी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने वर्षों तक कठोर तपस्या और कठिनाइयाँ झेली, जिससे उनका शरीर काला पड़ गया। उनकी कठोर तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वीकार किया और उनके शरीर को गंगाजल से धोया। इससे उनका शरीर अत्यंत गोरा और उज्ज्वल हो गया, और इसी कारण से उन्हें “महागौरी” कहा गया।
माँ महागौरी की पूजा विधि
- स्नान और शुद्ध वस्त्र: प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- कलश स्थापना: माँ महागौरी की मूर्ति या चित्र के सामने एक कलश स्थापित करें, जिसमें गंगाजल, सुपारी, सिक्का और नारियल रखें।
- सफेद फूल और कुमकुम: पूजा में माँ महागौरी को सफेद फूल, कुमकुम, अक्षत और चंदन अर्पित करें।
- मंत्र जप: माँ महागौरी के निम्न मंत्र का उच्चारण करें:
- ध्यान मंत्र:
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥ - मूल मंत्र:
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
- ध्यान मंत्र:
- भोग: माँ महागौरी को नारियल और सफेद मिठाई, जैसे खीर या सफेद बर्फी का भोग अर्पित करें।
- धूप-दीप और आरती: पूजा के अंत में धूप और दीप जलाकर माँ महागौरी की आरती करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
माँ महागौरी का ध्यान मंत्र
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
माँ महागौरी का स्तोत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
पूजा का उद्देश्य और लाभ
- माँ महागौरी की पूजा करने से साधक के जीवन में पवित्रता, शांति और समृद्धि का संचार होता है।
- उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्ट और दुःख समाप्त होते हैं।
- भक्तों को मानसिक शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- माँ महागौरी की उपासना से साधक का सहस्रार चक्र जागृत होता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।
उपासना का फल
नवरात्रि में माँ महागौरी की उपासना से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे पवित्रता का अनुभव होता है। माँ की कृपा से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त होती है। उनके आशीर्वाद से भक्तों को सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।