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Pithori Amavasya | पीठोरी अमावस्या कैसे मनाएं और क्या करें | PDF

Pithori Amavasya 2024

पीठोरी अमावस्या एक महत्वपूर्ण हिंदू तिथि है जो इस साल  के   २ सितम्बर के दिन मनाई जाएगी। यह तिथि विशेष रूप से महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए व्रत करती हैं। इस दिन को पीठोरी अमावस्या, पीठोरी पर्व या पीठोरी व्रत के नाम से भी जाना जाता है।

महत्व:

  • सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य: पीठोरी अमावस्या का व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। इसे विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपनी संतान के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए करती हैं।
  • पूर्वजों की पूजा: इस दिन पूर्वजों की पूजा करने की परंपरा भी है। मान्यता है कि इस दिन पूर्वजों को तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

पूजा विधि:

1. स्नान और शुद्धता:

  • पूजा से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए आवश्यक है।
  • घर और पूजा स्थल की सफाई करें ताकि पूजा का वातावरण पवित्र हो।

2. पूजा स्थल की तैयारी:

  • पूजा के लिए एक साफ और शांत स्थान चुनें। इस स्थान पर एक सफेद या पीले कपड़े बिछाएं।
  • पूजा स्थल पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ या चित्र स्थापित करें।

3. व्रत की तैयारी:

  • इस दिन उपवासी रहकर व्रत रखें। व्रत के दौरान हल्का भोजन या फल-फूल का सेवन करें।
  • कुछ लोग इस दिन विशेष पकवान भी तैयार करते हैं, जैसे कि मीठी पूड़ी, चिवड़ा, आदि।

4. पूजा विधि:

  • अर्चना: पूजा स्थल पर दीपक, अगरबत्ती और कपूर जलाएं। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को फूल, मिठाई, और अन्य अर्पण करें।
  • तर्पण: पूर्वजों की पूजा के लिए तर्पण करें। इसके लिए आप जल, तिल, और अन्य वस्तुएं अर्पित कर सकते हैं।
  • आरती: पूजा के अंत में आरती करें और भगवान के सामने दीपक घुमाकर गीत गाएं।

5. दान और पुण्य कार्य:

  • पूजा के बाद, दान-पुण्य के कार्य करना शुभ माना जाता है। गरीबों को भोजन, वस्त्र, या अन्य सामग्री दान करें।
  • कुछ लोग इस दिन मंदिर जाकर पूजा अर्चना भी करते हैं।

क्या करें और क्या न करें:

करें:

  • भक्ति और श्रद्धा: व्रत और पूजा को पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ करें।
  • दान और पुण्य: गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें और दान-पुण्य के कार्य करें।
  • पवित्र आहार: व्रत के दौरान हल्का और पवित्र आहार ग्रहण करें।

न करें:

  • नकारात्मक कार्य: इस दिन किसी भी प्रकार के नकारात्मक या अमंगल कार्य से बचें।
  • अधिक भोजन: अत्यधिक भोजन या नशे का सेवन न करें।
  • झगड़े: परिवार के साथ किसी भी प्रकार के विवाद या झगड़े से दूर रहें।

क्षेत्रीय भिन्नताएँ:

  • उत्तर भारत: उत्तर भारत में पीठोरी अमावस्या को विशेष पूजा और व्रत के साथ मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में इस दिन विशेष मेले और आयोजन भी होते हैं।
  • दक्षिण भारत: दक्षिण भारत में भी इस दिन पूजा और व्रत का महत्व है, लेकिन यह कुछ हद तक क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार भिन्न हो सकता है।

पीठोरी अमावस्या एक विशेष दिन है जो परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। इस दिन किए गए पूजा और व्रत से भक्तों को सुख, शांति, और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इस दिन के विधिपूर्वक पालन से परिवार पर पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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