
प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है। यह व्रत प्रत्येक मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। जब यह व्रत गुरुवार को पड़ता है, तो इसे गुरु प्रदोष व्रत कहते हैं। यह व्रत गुरु ग्रह और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अति शुभ माना गया है।
प्रदोष व्रत कब पड़ रहा है?
नवंबर के महीने में हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर 2024 को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू हो जाएगी और अगले दिन यानि 29 नवंबर को सुबह 8 बजकर 40 मिनट तक रहेगी।
गुरु प्रदोष व्रत की विधि
1. व्रत का संकल्प:
व्रत करने वाले को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
2. पूजा स्थल की तैयारी:
पूजा के लिए साफ स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. पूजन सामग्री:
- जल से भरा कलश
- बिल्व पत्र
- दूध, दही, शहद, घी, और गंगाजल
- धूप, दीप, अक्षत, चंदन
- फल और मिठाई
- पीले फूल
4. भगवान शिव की पूजा:
- भगवान शिव का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर बिल्व पत्र, अक्षत, और चंदन अर्पित करें।
- धूप-दीप जलाएं और शिव जी की आरती करें।
- भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, जैसे:
- ॐ नमः शिवाय।
- ॐ त्र्यंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्।
5. गुरु ग्रह की पूजा:
- भगवान शिव के साथ भगवान बृहस्पति की पूजा करें।
- पीले वस्त्र, पीले फूल, और पीली मिठाई अर्पित करें।
- गुरु ग्रह के लिए निम्न मंत्र का जाप करें:
- ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
6. रात्रि जागरण और शिव भजन:
शाम के समय शिवजी की पुनः आरती करें और रात्रि में शिव भजनों का गायन करें।
7. अगले दिन व्रत का पारण:
अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाकर और दान देकर व्रत का पारण करें।
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
- गुरु ग्रह की शांति: यह व्रत उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में है।
- ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति: गुरुवार भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह का दिन है। इस दिन प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि और धार्मिकता प्राप्त होती है।
- धन और समृद्धि: व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- शिव और विष्णु की कृपा: इस व्रत के माध्यम से भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
- पारिवारिक शांति: यह व्रत वैवाहिक जीवन में शांति और प्रेम लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
गुरु प्रदोष व्रत का फल
- व्रत करने से भगवान शिव और गुरु ग्रह की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- व्रत रखने वाले व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा और कष्ट समाप्त होते हैं।
- पारिवारिक जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
- गुरु प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को वैवाहिक सुख, आर्थिक उन्नति, और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है।
विशेष टिप्स:
- इस दिन पीले रंग का उपयोग करें और पीले भोजन का सेवन करें।
- दिनभर भगवान शिव का स्मरण करें और अपने आचरण को शुद्ध रखें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना विशेष फलदायी माना गया है।
गुरु प्रदोष व्रत भक्तों को उनके जीवन में शुभ फल और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से मनोकामनाएँ अवश्य पूर्ण होती हैं।