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Hanuman Stuti | हनुमानजी स्तुति | PDF

यह स्तुति भगवान हनुमानजी की महिमा, उनके गुणों, और उनकी भक्ति का गान करती है। इसमें उनकी शक्ति, कृपा और भक्तों पर उनके अनुग्रह का वर्णन किया गया है। प्रत्येक श्लोक के अर्थ को समझते हैं:

|| हनुमानजी स्तुति ||

श्लोक 1:

जय बजरंगी जय हनुमाना,
रुद्र रूप जय जय बलवाना,
पवनसुत जय राम दुलारे,
संकट मोचन सिय मातु के प्यारे ॥

अर्थ: हे बजरंगबली, जय हो! हे हनुमानजी, जो रुद्र के अवतार और बलशाली हैं, आपकी जय हो।
आप पवनपुत्र और भगवान राम के प्रिय भक्त हैं।
हे संकटमोचन, सीता माता के प्रिय भक्त, आपकी जय हो।

 

श्लोक 2:

जय वज्रकाय जय राम केरू दासा,
हृदय करतु सियाराम निवासा,
न जानहु नाथ तोहे कस गोहराई,
राम भक्त तोहे राम दुहाई ॥

अर्थ: हे वज्र जैसे कठोर शरीर वाले, श्रीराम के सेवक, आपकी जय हो।
आपके हृदय में सियाराम का निवास है।
हे नाथ, मैं आपको कैसे पुकारूं, क्योंकि आप स्वयं रामभक्तों की पुकार सुनने वाले हैं।
हे राम के भक्त, मैं आपको राम के नाम की दुहाई देता हूँ।

श्लोक 3:

विनती सुनहु लाज रखहु हमारी,
काज कौन जो तुम पर भारी,
अष्टसिद्धि नवनिधि केरू भूपा,
बखानहु कस विशाल अति रूपा ॥

अर्थ: मेरी विनती सुनें और मेरी लाज रखें।
इस संसार में ऐसा कौन-सा कार्य है जो आपकी शक्ति से परे हो।
आप अष्टसिद्धियों और नवनिधियों के स्वामी हैं।
आपके विशाल रूप का मैं कैसे वर्णन करूं?

 

श्लोक 4:

धर्म रक्षक जय भक्त हितकारी,
सुन लीजे अब अरज हमारी,
भूत प्रेत हरहु नाथ बाधा,
सन्तापहि अब लाघहु साधा ॥

अर्थ: हे धर्म के रक्षक और भक्तों के हितकारी, आपकी जय हो।
मेरी प्रार्थना सुनें।
भूत-प्रेत और बाधाओं को दूर करें।
मुझे संताप और कष्टों से मुक्त करें।

 

श्लोक 5:

मान मोर अब हाथ तुम्हारे,
करहु कृपा अंजनी के प्यारे,
बन्दतु सौरभ दास सुनहु पुकारी,
मंगल करहु हे मंगलकारी ॥

अर्थ: मेरा मान-सम्मान अब आपके हाथों में है।
हे अंजनी के पुत्र, मुझ पर कृपा करें।
सौरभ नाम का यह सेवक आपको पुकार रहा है।
हे मंगलकारी हनुमानजी, मेरा मंगल करें।

 

हनुमानजी स्तुति का महत्व और लाभ

संकटमोचन: यह स्तुति सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं को दूर करने में सहायक है।
भय और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: इसे पढ़ने से भूत-प्रेत और अन्य नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है।
शांति और समृद्धि: हनुमानजी की स्तुति जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाती है।
भक्ति और समर्पण: इस स्तुति से भक्त और भगवान हनुमान के बीच भक्ति का एक गहरा बंधन बनता है।

जय श्री राम! जय हनुमान!