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कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। इसे धर्म, आस्था, और धार्मिक अनुष्ठानों का समय माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास वर्ष के आठवें महीने में आता है और इसका प्रारंभ शरद पूर्णिमा के बाद से होता है।
2024 में कार्तिक मास 18 अक्टूबर से शुरू होगा और 15 नवंबर तक चलेगा। इस महीने में करवा चौथ, दीपावली, और छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।
कार्तिक मास का धार्मिक महत्व:
1. भगवान विष्णु की पूजा:
कार्तिक मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है, जो सृष्टि के पालनकर्ता माने जाते हैं। इस महीने में विष्णु सहस्रनाम का पाठ, तुलसी पूजा और दीपदान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस समय भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं, जिसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है। यह मास उनके प्रति भक्ति और उपासना का उत्तम समय माना जाता है।
2. भगवान शिव की पूजा:
इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि कार्तिक मास में शिवजी की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. दीपदान और स्नान:
कार्तिक मास में गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सुबह-सुबह पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, कार्तिक मास में दीपदान का भी विशेष महत्व है, खासकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन, जब दीप जलाकर भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है।
4. तुलसी पूजा:
कार्तिक मास में तुलसी पूजा और तुलसी विवाह का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। तुलसी माता को भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजा जाता है, और इस महीने में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
5. व्रत और अनुष्ठान:
इस महीने में महिलाएं और पुरुष व्रत रखते हैं और विशेष रूप से कार्तिक स्नान करते हैं। प्रातः काल में स्नान करके भगवान की पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत जैसे अहोई अष्टमी, करवा चौथ, वट सावित्री व्रत आदि आते हैं।
6. धार्मिक पर्व:
कार्तिक मास में कई प्रमुख त्योहार और पर्व आते हैं जैसे:
- दीपावली: रोशनी का पर्व, जो भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है।
- गोपाष्टमी: इस दिन गोमाता की पूजा की जाती है।
- देवउठनी एकादशी: इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और विवाह और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
कार्तिक मास में क्या करना चाहिए:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करना।
- भगवान विष्णु और शिव की पूजा करना।
- तुलसी की पूजा और दीपदान करना।
- व्रत और भक्ति में लीन रहना।
- धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और सत्संग में भाग लेना।
कार्तिक मास के अन्य लाभ:
कार्तिक मास में किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना अधिक होता है। इस समय किए गए व्रत, दान, और पूजा से व्यक्ति को भौतिक और आध्यात्मिक लाभ की प्राप्ति होती है। इस मास में आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में उठाए गए छोटे से छोटे कदम भी बहुत फलदायी होते हैं।
कार्तिक मास का महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत गहरा है। यह मास न केवल धार्मिक कर्मों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समय आत्मशुद्धि और भक्ति के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु, शिव और तुलसी माता की पूजा करके व्यक्ति को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।