Press ESC to close

VedicPrayersVedicPrayers Ancient Vedic Mantras and Rituals

Vaishnavi Mata Aarti | वैष्णवी माता आरती | PDF

  • Aartis
  • अक्टूबर 22, 2024

जय वैष्णवी माता आरती 

जय वैष्णवी माता,
मैया जय वैष्णवी माता।
हाथ जोड़ तेरे आगे,
आरती मैं गाता॥

अर्थ: हे वैष्णो माता, आपको प्रणाम! मैं आपके सामने हाथ जोड़कर आपकी आरती गा रहा हूँ और आपकी कृपा की प्रार्थना कर रहा हूँ।

शीश पे छत्र विराजे,
मूरतिया प्यारी।
गंगा बहती चरनन,
ज्योति जगे न्यारी॥

अर्थ: आपके सिर पर छत्र (छत्रधारी) विराजमान है, और आपकी मूरत (प्रतिमा) बहुत प्यारी है। आपके चरणों से गंगा बह रही है और आपकी ज्योति (प्रकाश) बहुत अद्भुत है।

ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे,
शंकर ध्यान धरे।
सेवक चंवर डुलावत,
नारद नृत्य करे॥

अर्थ: ब्रह्मा जी प्रतिदिन आपके द्वार पर वेदों का पाठ करते हैं, और भगवान शंकर आपका ध्यान करते हैं। सेवक आपके ऊपर चंवर डुलाते हैं और नारद मुनि आपके सामने नृत्य करते हैं।

सुन्दर गुफा तुम्हारी,
मन को अति भावे।
बार-बार देखन को,
ऐ माँ मन चावे॥

अर्थ: आपकी गुफा अत्यंत सुंदर है और मन को बहुत भाती है। माँ, आपका दर्शन बार-बार करने का मन करता है।

भवन पे झण्डे झूलें,
घंटा ध्वनि बाजे।
ऊँचा पर्वत तेरा,
माता प्रिय लागे॥

अर्थ: आपके भवन (वैष्णो देवी मंदिर) पर झण्डे लहराते हैं और घंटों की ध्वनि गूंजती रहती है। आपका पर्वत (त्रिकूट पर्वत) बहुत ऊँचा है, और वह सबको प्रिय है।

पान सुपारी ध्वजा नारियल,
भेंट पुष्प मेवा।
दास खड़े चरणों में,
दर्शन दो देवा॥

अर्थ: भक्त आपके चरणों में पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल, पुष्प और मेवा चढ़ाते हैं। हे माता, आपके भक्त आपके चरणों में खड़े हैं, कृपया उन्हें अपने दर्शन दें।

जो जन निश्चय करके,
द्वार तेरे आवे।
उसकी इच्छा पूरण,
माता हो जावे॥

अर्थ: जो व्यक्ति सच्चे मन से आपकी शरण में आता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। माँ, उसकी हर इच्छा आप पूरी कर देती हैं।

इतनी स्तुति निश-दिन,
जो नर भी गावे।
कहते सेवक ध्यानू,
सुख सम्पत्ति पावे॥

अर्थ: जो भी व्यक्ति दिन-रात आपकी इस स्तुति को गाता है, उसे सेवक ध्यानू की तरह सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है।

जय वैष्णवी माता,
मैया जय वैष्णवी माता।
हाथ जोड़ तेरे आगे,
आरती मैं गाता॥

अर्थ: हे वैष्णो माता, आपको प्रणाम! मैं आपके सामने हाथ जोड़कर आपकी आरती गा रहा हूँ और आपकी कृपा की प्रार्थना कर रहा हूँ।

आरती का यह अर्थ भक्तों को माँ वैष्णो देवी की महिमा और उनकी कृपा को समझाने का प्रयास करता है। यह भक्तों के विश्वास और श्रद्धा को प्रकट करता है कि माता उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।