
संतोषी माता को सुख, समृद्धि और शांति की देवी माना जाता है। शुक्रवार के दिन इनकी पूजा करने से जीवन में संतोष, धन-धान्य और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि संतोषी माता की पूजा शुक्रवार को कैसे करनी चाहिए, कौन-कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए, और इस दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।
संतोषी माता की पूजा का महत्व
संतोषी माता की उपासना करने से व्यक्ति के मन में संतोष की भावना आती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। शुक्रवार को व्रत और पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, आर्थिक कष्ट दूर होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पूजा करने की विधि
व्रत का संकल्प लें
- शुक्रवार की सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- माता संतोषी के व्रत का संकल्प लें और उन्हें प्रणाम करें।
- व्रत के दौरान नमक और खट्टे पदार्थों का सेवन न करें।
पूजा स्थल की तैयारी
- घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर सफाई करें।
- एक लकड़ी के पट्टे पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- उस पर माता संतोषी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- माँ को गंगाजल, दूध और शुद्ध जल से स्नान कराएं।
पूजन सामग्री
- चावल
- रोली और कुमकुम
- अक्षत (साबुत चावल)
- लाल फूल
- गुड़ और चने का प्रसाद
- अगरबत्ती और दीपक
- नारियल
- कलश
पूजन विधि
- माँ संतोषी को लाल फूल अर्पित करें।
- चावल, रोली और कुमकुम से माता का तिलक करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- माता को गुड़-चने का भोग लगाएं।
- व्रत कथा पढ़ें और सुनें।
- कथा के बाद आरती करें और भक्तों में प्रसाद बांटें।
संतोषी माता के मंत्रों का जाप
पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करने से माता की कृपा जल्दी प्राप्त होती है:
संतोषी माता मूल मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं संतोषी मातायै नमः।
यह मंत्र माता को प्रसन्न करने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है।
संतोषी माता स्तुति मंत्र
जय संतोषी माता, जय संतोषी माता।
मैया तेरी कृपा रहे हम पर, जय संतोषी माता॥
इस स्तुति को भावपूर्वक गाने से माता प्रसन्न होती हैं।
संतोषी माता बीज मंत्र
ॐ संतोष्यै नमः।
इस मंत्र का 108 बार जप करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
संतोषी माता का ध्यान मंत्र
सर्वमंगल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥
यह मंत्र माता की कृपा पाने के लिए बहुत शक्तिशाली है।
संतोषी माता की आरती
जय संतोषी माता आरती
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन की, सदा करो भलाई॥
यह आरती पूरी श्रद्धा से करें और दीपक घुमाकर माता का आशीर्वाद लें।
शुक्रवार के दिन क्या करना चाहिए?
- गाय को चने और गुड़ खिलाएं।
- गरीबों को भोजन कराएं और दान करें।
- पूरे दिन संयम और धैर्य बनाए रखें।
- मन में संतोष और धैर्य की भावना रखें।
शुक्रवार को क्या नहीं करना चाहिए?
- नमक और खट्टे पदार्थ न खाएं।
- झूठ न बोलें और किसी से विवाद न करें।
- लड़ाई-झगड़े और नकारात्मक विचारों से बचें।
- माता के प्रसाद को घर से बाहर न फेंकें।
व्रत और पूजा से मिलने वाले लाभ
- मन में शांति और संतोष का भाव आता है।
- आर्थिक संकट दूर होते हैं और समृद्धि बढ़ती है।
- परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- स्वास्थ्य लाभ होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
शुक्रवार के दिन संतोषी माता की पूजा करने से मन की शांति, धन-धान्य और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। सही विधि से पूजन करने और मंत्र जप करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण करती हैं। इस दिन नमक और खट्टे पदार्थों से परहेज करना चाहिए और जरूरतमंदों की सेवा करनी चाहिए। अगर आप नियमित रूप से माता की पूजा करते हैं तो आपके जीवन में हर प्रकार की बाधाएं दूर हो सकती हैं और सुख-शांति बनी रह सकती है।
जय संतोषी माता!