
हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है। यह व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। दुर्गाष्टमी का संबंध देवी दुर्गा की उपासना से है जो शक्ति, साहस, और विजय का प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा का स्मरण और पूजन करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत नवरात्रि की अष्टमी की तरह ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन उपवास रखने वाले भक्तों पर देवी की विशेष कृपा बरसती है। यह व्रत साधक के मन को शुद्ध करता है और उसे आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
5 फरवरी 2025 को मासिक दुर्गाष्टमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन देवी दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करने का महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा का विधिपूर्वक पूजन करते हैं, उन्हें न केवल सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि जीवन के सभी संकटों से मुक्ति भी मिलती है।
मासिक दुर्गाष्टमी के धार्मिक महत्व
- शक्ति की आराधना: इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है।
- धार्मिक फल: मान्यता है कि जो भक्त मासिक दुर्गाष्टमी पर उपवास रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उन्हें नवरात्रि व्रत के समान फल मिलता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: दुर्गाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की आराधना से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत की विधि
- स्नान और संकल्प: प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लें। संकल्प में यह कहें कि आप पूरे दिन व्रत रहेंगे और देवी दुर्गा की पूजा करेंगे।
- मंदिर सजावट: पूजा स्थान को स्वच्छ करें और देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूजन सामग्री: पूजा के लिए पुष्प, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य और फल रखें।
- पूजा विधि:
- देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
- मां दुर्गा को लाल पुष्प अर्पित करें।
- दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- आरती करें और नैवेद्य अर्पित करें।
- उपवास: व्रत के दौरान फलाहार करें और अन्न का सेवन न करें। शाम को पूजा के बाद फलाहार ग्रहण किया जा सकता है।
- दान-पुण्य: जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन करने योग्य कार्य
- पूजा-पाठ: इस दिन माता दुर्गा की आराधना करें और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- उपवास: पूर्ण उपवास रखने का प्रयास करें। यदि स्वास्थ्य कारणों से संभव न हो तो फलाहार करें।
- दान: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।
- ध्यान: देवी दुर्गा के स्वरूप का ध्यान करें और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करें।
- संयम: इस दिन मन, वचन और कर्म से संयमित रहें। किसी भी प्रकार की नकारात्मक गतिविधियों से दूर रहें।
मासिक दुर्गाष्टमी के मंत्र
मंत्र जाप देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है। इस दिन निम्न मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है:
- दुर्गा बीज मंत्र:“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।”
इस मंत्र का जाप 108 बार करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। - दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम मंत्र:“ॐ देवी दुर्गायै नमः।”
इस मंत्र का जाप करते हुए देवी के नामों का स्मरण करें। - महामंत्र:“जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥”
इस मंत्र के जाप से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। - गायत्री मंत्र:
“ॐ कात्यायनाय विद्महे कंकालिनी धीमहि।
तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्॥”
इस मंत्र का जाप साधक के आत्मबल को बढ़ाता है।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत के लाभ
- शारीरिक और मानसिक शांति: व्रत और पूजा से मन शांत होता है और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है।
- संकट निवारण: देवी दुर्गा की कृपा से जीवन के संकट दूर होते हैं।
- धार्मिक फल: नवरात्रि व्रत के समान फल की प्राप्ति होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस दिन साधक को विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति होती है।
सावधानियां
- व्रत के दौरान क्रोध, झूठ और नकारात्मक विचारों से बचें।
- श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करें।
- स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए व्रत करें।
मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि जीवन के संकटों को भी दूर करता है। विधिपूर्वक पूजा, मंत्र जाप और उपवास से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 5 फरवरी 2025 को आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इन विधियों का पालन कर देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।