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Sawan Shivratri 2025 | सावन शिवरात्रि: इस पवित्र दिन पर कौन से कार्य करें और किन्हें करने से बचें | PDF

Sawan Shivratri 2025

सावन शिवरात्रि का महत्व:

यह सावन मास (श्रावण माह) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में जाकर भगवान शिव का अभिषेक और पूजन करते हैं।

सावन शिवरात्रि की पूजा विधि:

  1. प्रातःकाल स्नान: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शुद्ध जल से स्नान कराएं।
  3. पूजा सामग्री: बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, चंदन, धूप, दीप, फल, फूल और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।
  4. मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा, शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।
  5. रात्रि जागरण: शिवरात्रि की रात को जागरण करें और भगवान शिव की चार प्रहर की पूजा करें।
  6. व्रत: पूरे दिन उपवास रखें और केवल फलाहार करें।
  7. कथा सुनना: शिवरात्रि व्रत कथा सुनें और सुनाएं।
  8. आरती: शाम को और रात को शिव की आरती करें।

सावन शिवरात्रि व्रत कथा:

सावन शिवरात्रि व्रत कथा के अनुसार, एक बार एक निर्धन ब्राह्मण था जो भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। उसने हर साल सावन शिवरात्रि का व्रत रखा और शिवलिंग की पूजा की। उसकी भक्ति और श्रद्धा को देखकर भगवान शिव ने उसे दर्शन दिए और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कीं। इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि भगवान शिव की सच्ची भक्ति और श्रद्धा से किसी भी कठिनाई को दूर किया जा सकता है और मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

सावन शिवरात्रि का लाभ:

सावन शिवरात्रि का उपवास और पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत विशेषकर जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करने के लिए किया जाता है। भगवान शिव की विशेष पूजा और आराधना से सभी प्रकार के कष्टों और पापों का नाश होता है और भक्त को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सावन शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की भक्ति और श्रद्धा का पर्व है। इस दिन की पूजा, व्रत और ध्यान से भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव और सफलता पा सकते हैं।

सावन शिवरात्रि पर लोगों की मान्यताएँ:

  1. भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की स्मृति:
    माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पवित्र विवाह हुआ था। इस कारण, यह दिन वैवाहिक सुख, प्रेम और सौभाग्य के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।

  2. कुंवारी कन्याओं के लिए शुभ दिन:
    अविवाहित कन्याएं इस दिन व्रत रखती हैं और प्रार्थना करती हैं कि उन्हें शिवजी जैसे आदर्श और तपस्वी पति की प्राप्ति हो।

  3. विवाहित स्त्रियाँ करती हैं दीर्घायु की कामना:
    सुहागन महिलाएं इस दिन व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-शांति की कामना करती हैं।

  4. पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति:
    ऐसी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत रखने और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध आदि चढ़ाने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  5. मंत्र जाप से होती है विशेष कृपा:
    इस दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप विशेष फलदायक होता है। माना जाता है कि यह मंत्र शिव को अत्यंत प्रिय है और इसकी साधना से मनोकामना पूर्ण होती है।

सावन शिवरात्रि से जुड़े रोचक तथ्य:

  1. चार शिवरात्रियों में से एक:
    साल में चार प्रमुख शिवरात्रियां मनाई जाती हैं – माघ शिवरात्रि, फाल्गुन महाशिवरात्रि, आषाढ़ शिवरात्रि और सावन शिवरात्रि।

  2. सावन में हर सोमवार विशेष:
    सावन माह के हर सोमवार को “सोमवार व्रत” रखा जाता है, लेकिन शिवरात्रि वाला सोमवार विशेष फलदायक माना गया है।

  3. कांवड़ यात्रा का समापन:
    कई स्थानों पर कांवड़िए शिवरात्रि के दिन गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर अपनी यात्रा का समापन करते हैं।

  4. शिव के त्रिगुण स्वरूप की आराधना:
    शिव को “त्रिनेत्रधारी”, “त्रिलोकीनाथ” और “त्रिगुणातीत” कहा जाता है। शिवरात्रि पर इन तीन गुणों (सत्व, रज, तम) से परे शिव की उपासना होती है।

सावन शिवरात्रि को करें ये कार्य:

  1. प्रातःकाल स्नान करें: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।पवित्र नदी या गंगाजल से स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  2. शिवलिंग की पूजा: शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शुद्ध जल से स्नान कराएं।बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, चंदन, धूप, दीप, फल, फूल और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।”ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा, शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।
  3. रात्रि जागरण: शिवरात्रि की रात को जागरण करें और भगवान शिव की चार प्रहर की पूजा करें।रात को शिवलिंग का अभिषेक करें और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
  4. व्रत रखें: पूरे दिन उपवास रखें और केवल फलाहार करें। इस दिन अन्न का सेवन न करें।दिन भर जल का सेवन कर सकते हैं, लेकिन तामसिक भोजन से बचें।
  5. शिवरात्रि व्रत कथा सुनें: शिवरात्रि व्रत कथा सुनें और दूसरों को भी सुनाएं।
  6. दान-पुण्य करें: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
  7. शिव की आरती करें: शाम को और रात को भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

सावन शिवरात्रि को न करें ये कार्य: 

  1. तामसिक भोजन से बचें: मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  2. झूठ और छल से बचें: इस दिन सत्य बोलें और किसी के साथ छल-कपट न करें।
  3. क्रोध और विवाद से बचें: क्रोध, विवाद और झगड़े से दूर रहें। शांत और संयमित रहें।
  4. अहंकार और ईर्ष्या से बचें: अहंकार और ईर्ष्या से दूर रहें और दूसरों के प्रति स्नेह और प्रेम बनाए रखें।
  5. अन्य धार्मिक कार्यों से बचें: इस दिन केवल भगवान शिव की पूजा और व्रत पर ध्यान केंद्रित करें। अन्य धार्मिक कार्यों से बचें।
  6. रात को सोना नहीं चाहिए: शिवरात्रि की रात को जागरण करना चाहिए। अगर संभव हो तो पूरी रात जागकर भगवान शिव की आराधना करें। सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा, व्रत और ध्यान करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन भगवान शिव की भक्ति और श्रद्धा का पर्व है, इसलिए पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ इसे मनाना चाहिए।

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