Shashthi Shradh
4 अक्टूबर, 2023- षष्ठी श्राद्ध- षष्ठी तिथि
4 अक्टूबर को सुबह 5:33 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 5 अक्टूबर को सुबह 05:41 बजे तक रहेगी।
पितृपक्ष अपने पितरों को याद करने और उनके प्रति अपने प्रकट करने के दिन होते हैं। इस समय लोग अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए उनके निमित्त श्राद्ध और तर्पण करते हैं। और पितर खुश होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ ही कई लोग पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध करते हैं ऐसा करने से वो पितृदोष से मुक्ति पाते हैं ।
किन लोगों का श्राद्ध किया जाता है
षष्ठी तिथि के श्राद्ध को छठ श्राद्ध भी किया जाता है। शास्त्रों में ऐसा लिखा गया है जिस व्यक्ति की मृत्यु किसी भी महीने की षष्ठी तिथि को होती है।उस व्यक्ति का श्राद्ध इस दिन किया जाता है।
ऐसे करें मृत पितरों का तर्पण:
श्राद्ध या तर्पण करने से न केवल हमें पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि हमारे जीवन से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी, लेकिन इसके लिए सही विधि मालूम होना बेहद जरूरी होता है तो ऐसे में आइए जानते है। क्या है तर्पण की सही विधि?
जरूर करें ये काम:
- पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन जल से पितरों का तर्पण पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी।
- घर को अच्छी तरह से साफ करें।
- कुश का उपयोग जरूर करें और कुश की अंगुठी भी पहनें ।
- श्राद्ध वाले व्यक्ति की पंसद का खाना जरूर बनाएं ।
- आपके पूर्वजों को भोजन मिल सके इसके लिए कुत्ते, गाय और कौए को भोजन कराएं ।
- ब्राह्मणों को जरूर भोजन कराएं और उन्हें दान दक्षिणा दें ।
क्या न करें:
- श्राद्ध के दौरान मांगलिक कार्य न करे।
- झूठ न बोले।
- ब्याज का धंधा करना गलत है।
- गृह कलह न करें।
- मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, सत्तू, जीरा, सरसो का साग, शराब आदि का सेवन न करे।