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Vishwakarma Jayanti | इस पर्व के महत्व और समारोहों की क्या है कहानी? | PDF

  • Jayanti
  • सितम्बर 16, 2024

Vishwakarma Jayanti

विश्वकर्मा हिंदू धर्म के एक देवता हैं जिन्हें सृष्टि के निर्माता और दिव्य वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है। उन्हें कारीगरी, शिल्प, निर्माण और इंजीनियरिंग का देवता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विश्वकर्मा ने देवताओं के महल, दिव्य अस्त्र-शस्त्र और उड़ने वाले रथों का निर्माण किया। वे चार भुजाओं वाले दिखाए जाते हैं, जिनमें पुस्तक, जलपात्र, पाश और औज़ार होते हैं, जो उनकी सृजनात्मक शक्ति और शिल्पकला में निपुणता को दर्शाते हैं।

विश्वकर्मा जयंती एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भारत में विशेष रूप से कलाकारों, शिल्पकारों, इंजीनियरों और वास्तुकारों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार विश्वकर्मा, जो कि भगवान का एक रूप माने जाते हैं और निर्माण और शिल्प के देवता हैं, की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

तारीख

  • उत्सव की तारीख: विश्वकर्मा जयंती आमतौर पर भारतीय कैलेंडर के भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाई जाती है, जो सामान्यतः सितंबर के महीने में आती है। यह तिथि विभिन्न वर्षों में भिन्न हो सकती है।
  • इस साल 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।

महत्व

  • धार्मिक महत्व: विश्वकर्मा को निर्माण, शिल्प, और वास्तुकला का देवता माना जाता है। उन्हें भगवान शिव, विष्णु, और ब्रह्मा के द्वारा बनाए गए विभिन्न धार्मिक और पौराणिक भवनों और उपकरणों के निर्माता के रूप में पूजा जाता है। इस दिन, उनके भक्त अपने कार्यस्थलों और उपकरणों को साफ करके और पूजा करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।



उत्सव की गतिविधियाँ

  • पूजा और अर्चना: इस दिन लोग अपने कार्यस्थलों, कारखानों, और उपकरणों की पूजा करते हैं। विशेष रूप से, उन उपकरणों, मशीनों, और औजारों की पूजा की जाती है जिनका उपयोग वे अपने काम में करते हैं। पूजा में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र को स्थापित किया जाता है और उन्हें फूल, दीपक, और भोग अर्पित किया जाता है।
  • अभिनंदन और आशीर्वाद: इस दिन लोग अपने कौशल और शिल्प के लिए भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं और अपने सहयोगियों और परिवार के साथ उत्सव मनाते हैं।
  • त्योहार के भोजन: इस दिन विशेष भोजन और मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं, जो उत्सव के माहौल को और भी खास बना देती हैं।

सांस्कृतिक प्रभाव

  • कला और शिल्प: विश्वकर्मा जयंती उन सभी लोगों के लिए एक विशेष अवसर है जो कला, शिल्प, और निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। यह दिन उनके काम की सराहना करने और भगवान से सफलता और सुरक्षा की प्रार्थना करने का दिन होता है।
  • श्रमिक वर्ग: यह त्योहार विशेष रूप से उन मजदूरों और श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण है जो निर्माण और शिल्पकारी से जुड़े होते हैं। यह उन्हें प्रोत्साहित करने और उनके काम की सराहना करने का दिन होता है।

लोककथाएँ

  • विश्वकर्मा का इतिहास: पौराणिक कथाओं के अनुसार, विश्वकर्मा को भगवान ब्रह्मा, विष्णु, और शिव द्वारा विभिन्न महल, भवन, और अन्य निर्माण कार्यों के लिए नियुक्त किया गया था। उन्होंने स्वर्गीय भवनों और यंत्रों का निर्माण किया और उनके काम की बहुत सराहना की जाती है।

विश्वकर्मा जयंती का त्योहार भारतीय संस्कृति में निर्माण और शिल्प की महत्वता को दर्शाता है और यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जो इन क्षेत्रों में काम करते हैं।

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