
जय माँ दुर्गा!
चैत्र नवरात्रि, हिंदू नववर्ष का शुभारंभ, माँ दुर्गा की पूजा का पावन पर्व, 8 मई 2024 से प्रारंभ हो रहा है। यह नौ दिवसीय उत्सव, देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का महत्व:
- ग्रहों की विशेष स्थिति: इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि के दौरान ग्रहों की स्थिति अत्यंत शुभ है। ग्रहों की यह स्थिति भक्तों को मनोकामना पूर्ति, सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में सहायक होगी।
- विशेष योग: चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के साथ-साथ अष्टमी तिथि को महाष्टमी और नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व भी मनाया जाएगा। यह दुर्लभ संयोग इस नवरात्रि को और भी अधिक विशेष बनाता है।
चैत्र नवरात्रि की तैयारी:
- घर की सफाई: नवरात्रि से पहले घर की अच्छी तरह से सफाई कर लेनी चाहिए। माता रानी को स्वच्छ स्थान प्रिय होता है।
- कलश स्थापना: प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है। इसके लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि मिट्टी का कलश, गंगाजल, अष्टधान, कलावा, सुपारी, नारियल, लाल चुनरी, मौली आदि इकट्ठा कर लें।
- माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें: अपने घर में माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और श्रद्धा भाव से उनकी पूजा करें।
- व्रत: नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक व्रत रखने का विधान है। आप अपनी क्षमतानुसार पूर्ण व्रत, उपवास या केवल सात्विक भोजन का व्रत रख सकते हैं।
पूजा विधि:
- प्रतिदिन सुबह स्नान करके माँ दुर्गा की पूजा करें।
- माँ को दीप, नैवेद्य, फूल और फल अर्पित करें।
- माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
- नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा की कथा सुनें।
- यथासंभव दान-पुण्य करें।
नवरात्रि के नौ दिनों का महत्व:
- प्रथम दिन: माँ शैलपुत्री की पूजा
- द्वितीय दिन: माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
- तृतीय दिन: माँ चंद्रघंटा की पूजा
- चतुर्थ दिन: माँ कुष्मांडा की पूजा
- पंचम दिन: माँ स्कंदमाता की पूजा
- षष्ठम दिन: माँ कात्यायनी की पूजा
- सप्तम दिन: माँ कालरात्रि की पूजा
- अष्टम दिन: माँ महागौरी की पूजा
- नवमी दिन: माँ सिद्धिदात्री की पूजा
चैत्र नवरात्रि का समापन:
- नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है।
- इस दिन माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
- कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है।
- भक्त प्रसाद वितरित करते हैं।
आइए, इस चैत्र नवरात्रि में माँ दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा करें और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करें।
जय माँ दुर्गे!